Lok Sabha Elections 2024 : Trust On Muslim Votes, Not On Candidates, Till Now Not A Single Candidate Of MVA Is Muslim – मुस्लिम वोटों पर भरोसा, उम्मीदवारों पर नहीं! अब तक MVA का एक भी प्रत्याशी मुस्लिम नहीं
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महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव जाकिर अहमद अपनी पार्टी के रवैए से सन्न हैं. अहमद का कहना है कि कांग्रेस पार्टी मुसलमानों को साथ जोड़े रखने के लिए मुस्लिम उम्मीदवार भी उतारे. कम से कम मुंबई की 6 सीटों में से एक सीट पर तो मुस्लिम उम्मीदवार उतारा जाना ही चाहिए.
मुंबई की 6 सीटों में से 5 सीट शिवसेना उद्धव ठाकरे के पास गई हैं. अकेली सीट जो कांग्रेस को मिल रही है, वह उत्तर मध्य मुंबई की सीट है. इस सीट पर कांग्रेस की ओर से तीन नाम चल रहे हैं. पहला नाम राज बब्बर का है तो दूसरा अभिनेत्री स्वरा भास्कर का और तीसरा नाम है आरिफ नसीम खान का.
आरिफ नसीम खान 1999 से लेकर साल 2019 तक 20 साल तक मुंबई में कांग्रेस के विधायक रहे. 2019 का चुनाव हारे भी तो महज 400 मतों से. खान महाराष्ट्र की कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. ऐसे में मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देने के लिए उनका नाम आगे किया जा रहा है. हालांकि खान ने खुद सार्वजनिक तौर पर टिकट दिए जाने को लेकर कोई बयान नहीं दिया है. हालांकि उनके समर्थक ऐसी मांग पार्टी हाईकमान से कर रहे हैं.
मुंबई की 3 सीटों पर मुस्लिम मतदाता हैं अहम
मुंबई में तीन सीटें ऐसी हैं, जहां पर मुस्लिम मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं. इनमें दक्षिण मुंबई की सीट है, जहां भिंडी बाजार और पायधुनि जैसे इलाके हैं. हालांकि यह सीट शिवसेना के ठाकरे गुट के पास चली गई है. दूसरी सीट दक्षिण मध्य मुंबई की है, जहां धारावी में भी बड़े पैमाने पर मुसलमान रहते हैं. वह सीट भी ठाकरे गुट के पास चली गई है. वहीं तीसरी सीट उत्तर मध्य मुंबई की है. कांग्रेस के पास मुंबई की यह इकलौती सीट है, जिसके उम्मीदवार को लेकर फिलहाल सस्पेंस बना हुआ है.
धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती कांग्रेस : सपरा
कांग्रेस खुद को एक सेक्युलर पार्टी बताती है, जिसे मुसलमानों का साथ मिलता रहा है. मुंबई शहर में रहने वाला हर पांचवां शख्स मुसलमान है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुस्लिम चेहरे को टिकट न देकर क्या कांग्रेस को चुनाव में नुकसान होता है. उधर, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले का कहना है कि अभी सभी सीटों के उम्मीदवार घोषित नहीं हुए हैं. कांग्रेस धर्म नहीं बल्कि योग्यता देखकर अपनी उम्मीदवार तय करती है. कांग्रेस के प्रवक्ता चरण सिंह सपरा ने मुंबई में अपने मुस्लिम विधायकों का हवाला दिया और कहा कि पार्टी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती है.
AIMIM उम्मीदवारों से हो सकता है नुकसान
महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटों पर दावा करने वाली कांग्रेस के अलावा और भी दो पार्टियां रही हैं. इनमें से एक समाजवादी पार्टी है तो दूसरी ओवैसी बंधुओं की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन. समाजवादी पार्टी तो महा विकास आघाड़ी का हिस्सा है और लोकसभा में अपना कोई भी उम्मीदवार नहीं उतार रही है, लेकिन अगर AIMIM ने उम्मीदवार उतारा तो कांग्रेस को दिक्कत हो सकती है.
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