Lok Sabha Elections 2024 UP Amethi Seat Smriti Irani Rahul Gandhi Impact On Congress Voters – Ground Report: राहुल गांधी के अमेठी से नहीं उतरने पर क्या नाराज हैं वोटर्स? कैसा है कांग्रेस के गढ़ का मिजाज



5lacf6o smriti irani rahul gandhi Lok Sabha Elections 2024 UP Amethi Seat Smriti Irani Rahul Gandhi Impact On Congress Voters - Ground Report: राहुल गांधी के अमेठी से नहीं उतरने पर क्या नाराज हैं वोटर्स? कैसा है कांग्रेस के गढ़ का मिजाज

अमेठी और रायबरेली सीट को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है. रायबरेली से इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी 1952 और 1957 में सांसद चुने गए थे. इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचीं. संजय गांधी अमेठी से जीतकर संसद पहुंचे थे. राजीव गांधी ने भी अमेठी से चुनाव लड़ा. इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में राहुल गांधी अमेठी से जीतकर लोकसभा पहुंचे. 2019 में उन्हें स्मृति ईरानी ने हरा दिया. इस बार लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार से कोई अमेठी सीट से उम्मीदवार नहीं बना है. कांग्रेस के इस फैसले को लेकर क्या अमेठी के मतदाताओं में नाराजगी है? अमेठी में सियासी माहौल को समझने के लिए NDTV आनंद नगर गांव पहुंचा.

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राहुल गांधी के अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ने से जहां कई लोग हैरानी में हैं. कुछ मतदाता तो कांग्रेस के इस फैसले में राजनीतिक तर्क तलाश रहे हैं. कुछ वोटर्स अपनी राय भी रखते हैं. पान के टेपरी में बैठे प्रदीप सिंह पुराने कांग्रेसी हैं. वो कहते हैं, “राहुल गांधी के नहीं होने से असर तो पड़ेगा. किशोरी लाल शर्मा को लोग कम पसंद करते हैं. बेशक उन्होंने कई लोगों के काम करवाएं. लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो काम न होने से नाराज हैं.”

कांग्रेस और राहुल गांधी को लगातार चुनौती देने वाली स्मृति ईरानी ने अमेठी में किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाने पर तंज कसे थे. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. कुछ मतदाता भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं. 

हारते या जीतते, पर लड़ना जरूरी

सब्ज़ी बेचने वाले बाबू राम ने NDTV से कहा, “राहुल गांधी नहीं लड़ रहे हैं. इसलिए उनके बारे में क्या कहें. लेकिन उनको लड़ना चाहिए.” विनोद नाम के मतदाता कहते हैं, “अगर मान लीजिए राहुल गांधी अमेठी से हार भी जाते, तो क्या बड़ी बात है? वो पिछली बार भी हारे थे. आपको लड़ना चाहिए था.”

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अमेठी की सियासी तस्वीर को अगर देखें, तो पता चलता है कि 2014 में स्मृति ईरानी को राहुल गांधी से मात खानी पड़ी थी. इस बार के बावजूद वह इस क्षेत्र में बनी रहीं. लोगों के साथ जुड़ी रहीं. विधानसभाओं में अपनी पकड़ मजबूत करती रहीं. स्मृति ईरानी के क्षेत्र में बने रहने के चलते बीजेपी ने 2019 में राहुल गांधी को पटखनी देकर कांग्रेस के इस मज़बूत गढ़ को ध्वस्त कर दिया.

किशोरी लाल शर्मा की इच्छा- राहुल ही लड़ें चुनाव

बीजेपी के फायर ब्रांड नेता स्मृति ईरानी के सामने इस बार गांधी परिवार के वफादार किशोरी लाल शर्मा मैदान में उतरे हैं. किशोरी लाल शर्मा के साथ इलाके के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी चुनाव प्रचार कर रहे हैं. हरियाणा के रहने वाले शर्मा 22 साल की उम्र में रायबरेली आए थे. तब से वह लगातार राहुल गांधी और सोनिया गांधी का प्रचार कार्यक्रम संभाल रहे थे. अब पहली बार वह सियासी मैदान में उतरे हैं. नामांकन भरने के बाद केएल शर्मा अभी भी चाहते हैं कि राहुल गांधी ही चुनाव लड़ें.

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किशोरी लाल शर्मा कहते हैं, “मैं तो अब भी चाहता हूं कि राहुल गांधी ही अमेठी से लड़ें. मैं तो उनकी विरासत को संभाल रहा हूं. ये सीट तो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की ही है.”

स्मृति ईरानी ने पाकिस्तानी नेता का मामला उछाला

स्मृति ईरानी चुनाव में खुद की जीत को लेकर कॉन्फिडेंट हैं. वो नुक्कड़ सभाओं में इसे लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर भी तंज कस रही हैं. अपने ताजा बयान में स्मृति ने पाकिस्तानी नेता फवाद चौधरी के एक बयान का जिक्र भी किया. स्मृति ईरानी ने बुधवार को अमेठी के अचलपुर गांव की एक नुक्कड़ सभा में कहा, “अब तक मैं कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ती थी, लेकिन अब एक पाकिस्तानी नेता ने कहा है कि स्मृति ईरानी को हराना चाहिए. अरे… तुमसे पाकिस्तान न संभलता, तुम अमेठी की चिंता करते हो.” 

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स्मृति ईरानी कहती हैं, “पाकिस्तान के नेता तक अगर मेरी आवाज पहुंच जाए, तो मैं कहना चाहती हूं कि यह वह अमेठी है, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने एके 203 राइफल की फैक्ट्री बनाई है. उस राइफल का इस्तेमाल सीमा पर पाकिस्तानी आतंकवादियों को मारने के लिए किया जाता है. आज मैं पूछना चाहती हूं कि राहुल गांधी के साथ पाकिस्तान का यह रिश्ता क्या कहलाता है? चुनाव चल रहा है देश में, लेकिन आपको (राहुल गांधी) समर्थन मिल रहा विदेश में.”

फवाद चौधरी ने क्या कहा था?

पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में सूचना मंत्री रहे फवाद चौधरी ने हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को अच्छा नेता बताते हुए ट्वीट किया था. उनके इस ट्वीट की भारत के चुनावों में चर्चा शुरू हो गई. बीजेपी की ओर से कहा गया कि पाकिस्तानी राहुल को पीएम देखना चाहते हैं. 

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