Lok Sabha Elections From 1951-52 Till Now: National Parties Reduced From 14 To Six In Seven Decades – लोकसभा चुनाव 1951-52 से अब तक : सात दशक में 14 से घटकर छह रह गईं राष्ट्रीय पार्टियां
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देश के चुनावी सफर को दस्तावेजी रूप देते हुए निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा जारी पुस्तिका ‘लीप ऑफ फेथ’ के अनुसार, 1953 तक देश में चार राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल ही रह गए थे जिनमें कांग्रेस, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (सोशलिस्ट पार्टी और किसान मजदूर पार्टी के विलय से बनी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और जनसंघ थे.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा (एचएमएस), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (मार्क्सवादी समूह) और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (रुईकर समूह) समेत कुछ दलों ने अपनी राष्ट्रीय मान्यता गंवा दी.
सोशलिस्ट पार्टी और किसान मजदूर पार्टी ने पहला चुनाव अलग-अलग लड़ा था और बाद में उनके विलय करने के साथ प्रजा सोशलिस्ट पार्टी बनी. दूसरे चुनाव (1957 में) राजनीतिक दलों की संख्या कम होकर 15 रह गई जबकि राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दलों की संख्या चार रही.
वर्ष 1951 के लोकसभा चुनाव के बाद अगले दो चुनाव में भाकपा प्रमुख विपक्षी दल रहा. हालांकि, 1964 में पार्टी सोवियत और चीनी कम्युनिस्ट विचार वाले धड़ों में बंट गई और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का गठन हुआ. इसके बाद देश के आम चुनावों में माकपा को भाकपा की तुलना में अधिक वोट मिलते रहे.
बाजार अनुसंधान और सर्वेक्षण से जुड़ी कंपनी ‘एक्सिस माई इंडिया’ के प्रमुख प्रदीप गुप्ता ने कहा, ‘‘सोशलिस्ट पार्टी की जड़ें कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी में थीं, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर एक वामपंथी गुट था और जिसका गठन जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया और आचार्य नरेंद्र देव ने किया था. यह आजादी के तुरंत बाद सोशलिस्ट पार्टी से अलग हो गई थी.”
निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक चुनाव लड़ने वाले सबसे कम दल 1992 के लोकसभा चुनाव में रहे जिनकी संख्या 10 थी और इनमें सात राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल-भाजपा, कांग्रेस, माकपा, भाकपा, जनता दल, जनता पार्टी और लोक दल थे.
आयोग के अनुसार 1996 के आम चुनाव में 209 राजनीतिक दलों ने भाग लिया था और इनमें आठ राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त थे. इनमें कांग्रेस (आईएनसी), ऑल इंडिया कांग्रेस (तिवारी), भाजपा, माकपा, भाकपा, जनता दल, जनता पार्टी और समता पार्टी थीं.
इसके बाद, 1999 में हुए आम चुनावों में 160 राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे और इनमें सात राष्ट्रीय दल थे. इनमें भाजपा, कांग्रेस, बसपा, भाकपा, माकपा, जनता दल (सेक्युलर) और जनता दल (यूनाइटेड) हैं.
लोकसभा चुनाव 2014 में 464 राजनीतिक दलों ने किस्मत आजमाई जिनमें छह राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल थे. इनमें भाजपा, कांग्रेस, माकपा, भाकपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और बसपा शामिल रहे.
इस चुनाव में कुल 674 राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार उतारे और सात राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल-भाजपा, कांग्रेस, बसपा, भाकपा, माकपा, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस भी इनमें शामिल रहे.
पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा, ‘‘प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रीय दल बनने के लिए किसी राजनीतिक दल को कम से कम तीन अलग-अलग राज्यों की कुल लोकसभा सीट की कम से कम दो प्रतिशत पर जीत हासिल करनी होगी या चार लोकसभा सीट के अलावा चार राज्यों में कम से कम छह प्रतिशत वोट प्राप्त करने होंगे या चार राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता हासिल करनी होगी.”
निर्वाचन आयोग ने पिछले साल आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया था.
देश में इस समय छह राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल-भाजपा, कांग्रेस, बसपा, माकपा, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीए) और आप हैं. एनपीए को भी 2019 में राष्ट्रीय दर्जा मिला था.
देश में 543 लोकसभा सीट के लिए चुनाव सात चरणों में होंगे. पहला चरण 19 अप्रैल को और अंतिम चरण का चुनाव एक जून को होगा. मतगणना चार जून को होगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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