Loksabha Elections 2024 Bjp Congress Nda India Alliance Who Will Contest Scindia Gwalior Seat And Gehlot Home District Jodhpur – क्या BJP ज्योतिरादित्य को देगी सिंधिया परिवार का गढ़, गहलोत के गृह जिले से किसे मिलेगा मौका?



Loksabha Elections 2024 Bjp Congress Nda India Alliance Who Will Contest Scindia Gwalior Seat And Gehlot Home District Jodhpur - क्या BJP ज्योतिरादित्य को देगी सिंधिया परिवार का गढ़, गहलोत के गृह जिले से किसे मिलेगा मौका?

ग्वालियर सीट (मध्य प्रदेश)

मध्य प्रदेश के ग्वालियर को मराठों की धरती कहते हैं. इस शहर का इतिहास रामायण और महाभारत काल से जुड़ता है. ये शहर गुर्जर-प्रतिहार राजवंश, तोमर और कछवाहा राजवंशों की राजधानी रहा है. आज का ग्वालियर राजनीतिक लिहाज़ से भी बेहद महत्वपूर्ण है. सिंधिया राजघराना यहां से जुड़ा है. यहां की राजनीति भी काफी कुछ इस राजघराने के इर्द-गिर्द घूमती है.

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विवेक नारायण शेजवालकर मौजूदा सांसद

बीजेपी से विवेक नारायण शेजवालकर मौजूदा समय में ग्वालियर के सांसद हैं. 2019 के चुनाव में इस सीट पर 11,96,888 वोट पड़े थे. विवेक शेजवालकर को 6,27,250 वोट मिले. उन्होंने कांग्रेस के अशोक सिंह को हराया. वैसे बीजेपी यहां जीत की हैट्रिक लगा चुकी है. 2009 में यशोधरा राजे सिंधिया, 2014 में नरेंद्र सिंह तोमर और 2019 में विवेक शेजवारकल ने चुनाव जीता था. 

2024 में सिंधिया को ग्वालियर से मिल सकता है टिकट

ग्वालियर में सिंधिया राजघराने की काफी इज्जत है. कभी कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया अब बीजेपी में हैं और मोदी सरकार में सिविल एविएशन मिनिस्टर भी. इस बार इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे ऊपर चल रहा है. इनके पिता माधव राव सिंधिया ग्वालियर से 4 बार सांसद रहे थे.

ग्वालियर सीट पर बीजेपी से पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और जयभान सिंह पवइया का नाम भी चर्चा में है. पवइया पूर्व सांसद हैं और बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. विधायक और मंत्री रह चुके भारत सिंह का नाम भी लिस्ट में है. ये ग्वालियर में ओबीसी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. वहीं, मौजूदा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर की उम्मीदवारी को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता. 

कांग्रेस में प्रवीण पाठक का नाम सबसे आगे 

बीजेपी के बाद अब बात कांग्रेस की. ग्वालियर सीट पर कांग्रेस की तरफ से सबसे आगे प्रवीण पाठक का नाम चल रहा है. वो ग्वालियर दक्षिण से विधायक रहे हैं. कांग्रेस के युवा और प्रभावशाली नेताओं में इनका नाम शुमार है. प्रवीण पाठक कोरोना काल में जनसेवा के लिए चर्चित रहे थे. 5 बार के विधायक रहे लाखन सिंह यादव भी इस रेस में हैं. लाखन सिंह बड़ा ओबीसी चेहरा हैं और मंत्री भी रह चुके हैं. इनके अलावा उदयवीर सिंह गुर्जर का भी नाम चर्चा में है.

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जोधपुर सीट (राजस्थान)

राजस्थन का दूसरा बड़ा शहर जोधपुर है. यह पूर्व सीएम अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का गृह जिला है. इसकी वजह से इस सीट पर सबकी निगाहें रहती हैं. फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा है. गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूदा सांसद हैं. 2019 के चुनाव में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस के वैभव गहलोत को हराया था. वैभव गहलोत राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे हैं. चुनाव में कुल 13,47,933 वोट पड़े थे. इनमें से 7,88,888 वोट शेखावत को मिले. इस सीट के बारे में दिलचस्प बात ये है कि पिछले 4 लोकसभा चुनाव में यहां जो भी जीता है, उसे 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं.

जोधपुर से तीसरी बार गजेंद्र सिंह शेखावत को मिल सकता है मौका

जोधपुर सीट से गजेंद्र सिंह शेखावत 2014 के चुनाव में भी जीते थे. फिलहाल वो मोदी सरकार में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री हैं. शेखावत को 2014 में 66 फीसदी और 2019 में 58 फीसदी से ज़्यादा वोट मिले थे. ऐसे में इस बार भी उम्मीदवार के तौर पर शेखावत का नाम सबसे ऊपर चल रहा है. बीजेपी से टिकट मिलने के दावेदारों में जसवंत सिंह का नाम भी चर्चा में है. वो जोधपुर से 2004 में सांसद रह चुके है. जसवंत सिंह 1993 में राज्य में भैरों सिंह शेखावत सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. जोधपुर के पूर्व मेयर घनश्याम ओझा का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है, वो ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं.

हालांकि, हमारे सूत्रों के हिसाब से बीजेपी जोधपुर सीट से इस बार भी गजेंद्र सिंह शेखावत को टिकट देगी. शेखावत ने यहीं से पढ़ाई की. जोधपुर में उनकी अच्छी पकड़ है.

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कांग्रेस क्या गहलोत को देगी मौका?

जोधपुर सीट कांग्रेस के लिए भी प्रतिष्ठा का विषय है. ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि क्या कांग्रेस अशोक गहलोत परिवार से यहां किसी को टिकट देती है या नहीं. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस से उम्मीदवार के तौर पर महेंद्र सिंह बिश्नोई सबसे आगे हैं. पिछली विधानसभा में ये लूणी से विधायक रहे थे.

कांग्रेस से करण सिंह उचियारड़ा का नाम भी चर्चा में है. वो वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं. उनकी राजपूत समाज में खासी पहचान है. उचियारड़ा सचिन पायलट गुट के विश्वासपात्र माने जाते हैं.  

अलवर सीट (राजस्थान)

दिल्ली से करीब 150 किलोमीटर दक्षिण और जयपुर से करीब 150 किलोमीटर उत्तर में अलवर बसा  है. अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा ये शहर अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए मशहूर है. अलवर झीलों, हेरिटेज हवेलियों के लिए जाना जाता है. यह राजस्थान की एक बेहद महत्वपूर्ण लोकसभा सीट भी है. ये सीट फिलहाल खाली है.

2019 के चुनाव में महंत बालकनाथ अलवर से जीते थे. 2019 में बालकनाथ ने कांग्रेस के भंवर जितेंद्र सिंह को हराया था. यहां कुल 12,68,477 वोट पड़े थे. बालकनाथ को 7,60,201 वोट मिले थे. जितेंद्र सिंह 4,30,230 वोट मिले थे. बाबा बालकनाथ ने राजस्थान का चुनाव लड़ा और फिलहाल तिजारा सीट से विधायक हैं. इसलिए ये सीट खाली है.

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बाबा बालकनाथ दोबारा लोकसभा भेजने के मूड में नहीं बीजेपी

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अलवर सीट से बाबा बालकनाथ को फिर से लोकसभा भेजने के मूड में नहीं है. इस सीट पर उम्मीदवार के तौर पर पहला नाम भूपेंद्र यादव का आ रहा है. फिलहाल वो राज्यसभा से सांसद हैं. लिस्ट में दूसरा नाम बीजेपी से किरण यादव का चल रहा है. ये पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं. किरण बहरोड़ से विधायक डॉ. जसवंत यादव की पत्नी हैं. वेटिंग लिस्ट में रामहेत सिंह यादव का नाम भी है. ये किशनगढ़ बास विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

अलवर सीट पर कांग्रेस किस पर लगाएगी दांव?

इस सीट पर कांग्रेस भंवर जितेंद्र सिंह पर दोबारा से दांव लगा सकती है. ये पूर्व सांसद रह चुके हैं. केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. हाल ही में असम के प्रभारी भी रहे हैं. दूसरा नाम संदीप यादव का है, जो तिजारा से निर्दलीय विधायक रह चुके हैं. उन्हें कांग्रेस का समर्थन मिला था. इस सीट पर कांग्रेस ललित यादव को भी टिकट दे सकती है. ललित यादव वर्तमान में विधायक हैं और यादव समाज में काफी मायने रखते हैं.

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