Magic abir comes in market  – News18 हिंदी


 शशिकांत ओझा/पलामू. सनातन धर्म में अलग अलग पर्व और उसके अलग अलग महत्व होते है.सभी त्योहार अपने आप में खास होता है. वहीं होली का त्योहार नजदीक आने को है.इस त्योहार में लोग एक दूसरे को रंग अबीर लगाकर मनाते है.बाजार में कई तरह के रंग और अबीर मिल रहे है.जिसे लगाने के बाद लोग छुड़ा नहीं पाते.मगर पलामू जिले में महिलाएं खास तरह से हर्बल अबीर तैयार कर रही है.जो की पूरी तरह नेचुरल है. इतना हीं नहीं इस अबीर को लगाने में जितना मेहनत कर लें उसे छुड़ाना उतना हीं आसान है.

दरअसल, दिन दयाल अंत्योदय योजना तहत राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के सरकारी बस डिपो समीप 30 से 35 सखी दीदी मिलकर हर्बल अबीर तैयार कर रही है. यह अबीर पूरी तरह नेचुरल है.इससे त्वचा को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा.मंजू देवी ने कहा कि इस अबीर को तैयार करने में काफी मेहनत लगता है. अबीर लगाने के दौरान हमलोग पूरा अबीर के रंग से रंग जाते है.वहीं, घर जाकर कपड़ा से साफ करते हीं तुरंत छूट जाता है. यह अबीर पूरी तरह केमिकल रहित है जो की बाजार में 300 रुपए किलो उपलब्ध है.

ऐसे होता है तैयार
अबीर तैयार कर रही सखी दीदी ज्योति देवी ने लोकल18 से कहा कि इसे बनाने में काफी मेहनत लगता है. जिसके लिए दीदियां सुबह उठते हीं फूल इकठ्ठा करने निकल जाती है.कुछ दीदियां अपने घर और आस पास से पलास के फूल लाती है. कुछ मंदिरों में घूम घूम कर फूल इकठ्ठा करती है. इसके बाद सभी फूलों को अलग किया जाता है. फूल को पतीले में पानी के साथ मिलाकर एक निश्चित ताप पर गर्म किया जाता है. गर्म करने की प्रक्रिया 15 से 20 मिनट तक चलता है. इसके बाद उसे ठंडा करने के लिए रख दिया जाता है. ठंडा होने के बाद फूल रस को सूती कपड़े में छानकर अलग कर लिया जाता है. इसके बाद बाजार से आरारोट लाकर उसमें मिक्स किया जाता है. जिसमें काफी मेहनत लगता है. 1 से दो घंटा मिक्स किया जाता है. जिसके बाद उसे किसी कपड़े में फैलाकर छत के नीचे सूखने दिया जाता है.अबीर को बारीक बनाने के लिए तीन से चार लोग मिलकर सूती के कपड़े पर मलते है.इससे पहले तैयार अबीर को 6 से 7 घंटे तक सुखाया जाता है.मलने के बाद उसमें सेंट लाने के लिए उसमें रजनीगंधा, केवड़ा, गुलाब चंदन आदि को मिक्स करते है.जिसके बाद उसे 100, 200 और 500 ग्राम के पैकेट तैयार किया जाता है.

मंदिर के फूल से तैयार होता है अबीर
सावित्री कुमारी ने बताया कि इस अबीर को बनाने में काफी मेहनत लगता है. 6 से 7 घंटे के मेहनत के बाद 1 क्विंटल अबीर तैयार होता है. इसके लिए सखी दीदी सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक मेहनत करती है. एक के जी अबीर तैयार करने में लगभग 200 से 250 रुपए का खर्च आता है, जिसे बाजार में 300 रुपए किलो के दर से बेंचा जाता है. गुलाब, उड़हुल व अन्य फूल को दीदी मंदिर से चुनकर लाती है.जिससे अलग अलग तरह का अबीर तैयार होता है. बाजार से पालक और बिट खरीदकर लाती है जिससे हरा और गहरा लाल रंग तैयार होता है.वहीं गेंदा के दो तरह के फूल होते है जिससे पीला और ऑरेंज रंग का अबीर तैयार होता है.

ऐसे कर सकते है ऑर्डर
ज्योति देवी ने बताया कि होली को लेकर मेदिनीनगर शहर में 5 स्थानों आप स्टाल लगाए जायेंगे. जो 22 मार्च से लगेगा.इतना हीं नहीं अगर किसी को अबीर लेना हो तो सीधा हमसे संपर्क कर सकते है. इस बार हमलोग का लक्ष्य 5 टन बनाने का है.पिछले साल भी 5 टन बना था जिसे लोग खरीदे थे. इस साल भी लोगों को हर्बल अबीर पसंद आएगा.उन्होंने बताया की शहर के बेलवाटीका चौक, छः मुहान चौक, सद्दीक मंजिल चौक, बैरिया चौक, कचहरी पर लगाए जायेंगे.अधिक जानकारी के लिए 6205763058 पर संपर्क करे.

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