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Mahamandaleshwar In Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आस्था का महापर्व महाकुंभ आयोजित हो रहा है. 13 जनवरी से शुरू हुआ यह महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा. इस महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने आ चुके हैं. और अभी करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. महाकुंभ में आम श्रद्धालुओं के अलावा अखाड़े भी मौजूद हैं. जिनमें साधु संत हैं. महाकुंभ में कुल 13 अखाड़े हैं.
इन सभी अखाड़ों में कई महामंडलेश्वर भी हैं. हाल ही में बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडल बनाया था. तो वहीं जब इस पर विवाद हुआ तो उन्हें इस पद से हटा भी दिया गया है. इसके अलावा कई और लोगों को इस महाकुंभ में महामंडलेश्वर का पद दिया गया है. इस साल कितने लोग महामंडलेश्वर बने हैं. चलिए आपको बताते हैं. सभी अखाड़ों की पूरी जानकारी.
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कैसे बनाए जाते हैं महामंडलेश्वर?
किसी भी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनना कोई आसान काम नहीं है. इसके लिए एक काफी जटिल प्रक्रिया होती है. इसमें किसी जाॅब की तरह ही व्यक्ति के बारे में जांच पड़ताल की जाती है. सभी पहलुओं को सही पाए जाने के बाद ही महामंडलेश्वर बनाया जाता है. महामंडलेश्वर बनने के लिए किसी व्यक्ति का आचार्य-शास्त्री जैसा पद धारण करना जरूरी होता है. उसके पास वेदांग की शिक्षा होनी जरूरी होती है. अगर उसके पास किसी तरह की ऐसी डिग्री नहीं है, तो उसे कथावाचक होना जरूरी है. महामंडलेश्वर बनने के लिए सन्यास धारण करना भी जरूरी है.
इन लोगों को बनाया गया महामंडलेश्वर
महाकुंभ में 27 जनवरी को पीलीभीत के बरखेड़ा विधानसभा के विधायक जयद्रथ समेत 17 लोगों को महामंडलेश्वर का पद दिया गया है. तो इसके अलावा निरंजनी अखाड़े में दिल्ली के स्वामी श्री निवासन कार्तिकेयन नारायण और प्रयागराज के स्वामी बालयोगी विन्यानंद गिरि को महामंडलेश्वर बनाया गया है. श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा ने राजस्थान उदयपुर के हितेश्वरानंद सरस्वती को महामंडलेश्वर बनाया गया. पीलीभीत के पीठाधीश्वर प्रवक्तानंद को महामंडलेश्वर बनाया गया. निर्मल अखाड़ा की ओर से साध्वी डॉ. गीता श्रीहरि को महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया. जूना अखाड़ा की ओर से स्वामी विश्वेश्वर भारती, स्वामी अनंतानंद, आनंदवन भारती, स्वामी बलराम पुरी, आत्मवंदना गिरि, स्वामी विष्णु गिरि, स्वामी ऋषि भारती, विश्वेश्वरी माता, स्वामी वीरेंदर गिरि और मनोरमा गिरि को महामंडलेश्वर का पद दिया गया है.
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जूना अखाड़ा ने 71 लोगों को बनाया महामंडलेश्वर
जूना अखाड़ा ने इस महाकुंभ में एससी-एसटी समाज से ताल्लुक रखने वाले 71 लोगों को भी महामंडलेश्वर की उपाधि दी है. इसमें बात की जाए तो गुजरात के 15, महाराष्ट्र के 12, छत्तीसगढ़ के 12 झारखंड के 9, मध्य प्रदेश के 8, केरल के 8 और ओडिशा के 7 एससी-एसटी वर्ग के लोग शामिल हैं.
सभी अखाड़ों में कुल कितने महामंडलेश्वर?
महामंडलेश्वर किसी अखाड़े का बेहद उच्च पद होता है. भारत में कुल 13 अखाड़े और इन में महामंडलेश्वर की संख्या समय-समय पर बदलती रहती है. हिंदू धर्म में शंकराचार्य के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद महामंडलेश्वर का माना जाता है. साल 2013 के प्रयाग कुंभ में महामंडलेश्वरों की संख्या 300 से ज्यादा हो गई थी. तो वहीं साल 2025 के इस महाकुंभ की बात की जाए तो इसमें अब तक कई लोगों को महामंडलेश्वर की उपाधि दी जा चुकी है. तो वहीं ममता कुलकर्णी जैसे लोगों से यह उपाधि वापस भी ली चुकी है. इन सब बातों के आधार पर बात की जाए तो संख्या कितनी है इस बात की सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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महाकुंभ में कितने अखाडे मौजूद?
प्रयागराज में आयोजित हो रहे हैं. महाकुंभ में देश के सभी 13 अखाड़े मौजूद हैं. जिनमें निरंजनी अखाड़ा, जूना अखाड़ा, महानिर्वाण अखाड़ा, अटल अखाड़ा,आह्वान अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, पंचाग्नि अखाड़ा, नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा, वैष्णव अखाड़ा, उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा,उदासीन नया अखाड़ा, निर्मल पंचायती अखाड़ा और निर्मोही अखाड़ा शामिल है. बता दें इनमें कुछ अखाड़े में महामंडलेश्वरों की संख्या ज्यादा है तो कुछ में कम.
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