Mahakumbh 2025 How Prayagraj administration counting crores of devotees in MahaKumbh mela 


प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़ी धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ का आगाज हो चुका है. 13 जनवरी से शुरू हुए इस मेले में अबतक करोड़ों श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. सरकारी डेटा के मुताबिक, इस आयोजन के पहले दो दिनों में 5.15 करोड़ लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई थी. इसमें सबसे बड़ी संख्या महाकुंभ के दूसरे दिन 14 जनवरी की थी, जब पहले अमृत स्नान के समय 3.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया. प्रशासन का दावा है कि 13 जनवरी को भी डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु यहां पहुंचे थे. 

एक अनुमान के मुताबिक, इस बार 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की संभावना है. दरअसल, 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा, जिसमें तीन प्रमुख अमृत स्नान होंगे. दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी और तीसरा 3 फरवरी को होगा. अब सवाल यह है कि क्या करोड़ों की भीड़ को गिनना मुमकिन है? अगर हां, तो प्रशासन किस तरह से करोड़ों श्रद्धालुओं की गिनती कर रहा है, यानी इसका तरीका क्या है? और अगर नहीं, तो प्रशासन ने दो दिन में 5.15 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का दावा कैसे कर दिया? चलिए जानते हैं… 

कैसे होती है भीड़ की गिनती?

भीड़ की गिनती सांख्यिकीय तरीके से होती है. साल 2013 में पहली बार इस विधि का इस्तेमाल कर कुंभ में आए श्रद्धालुओं की संख्या का अनुमान लगाया गया था. इसके अनुसार, एक व्यक्ति को गंगा में स्नान के लिए करीब 0.25 मीटर की जगह चाहिए और उसे नहाने में करीब 15 मिनट का समय लगेगा. इस गणना के मुताबिक, एक घंटे में एक घाट पर अधिकतम साढ़े बारह हजार लोग स्नान कर सकते हैं. जिस समय यह गणना की गई थी तब 35 घाट हुआ करते थे, इस बार महाकुंभ में नौ नए घाट बनाए गए हैं, जिससे कुंभ में कुल घाटों की संख्या 44 हो गई है. ऐसे में अगर श्रद्धालुओं की कुल संख्या जोड़ी जाए तब भी यह प्रशासन के दावे के आसपास नहीं बैठती है. 

फिर प्रशासन कैसे कर रहा करोड़ों लोगों का दावा

प्रयागराज में महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए प्रशासन ने हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है. प्रशासन इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रहा है. मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के मुताबिक, श्रद्धालुओं की सटीक गणना के लिए एआई तकनीक वाले कैमरे लगाए गए हैं. इसके अलावा मेला क्षेत्र में 200 जगहों पर अस्थाई सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. प्रयागराज शहर में भी 1107 कैमरे लगे हैं. प्रशासन पार्किंग की भी निगरानी कर रहा है कि वहां से कितने लोग बसों व अपने गाड़ियों में आ रहे हैं. रेलवे स्टेशनों पर उतरने वाले श्रद्धालुओं की भी ट्रैकिंग की जा रही है. हालांकि, इस तकनीक में एक आदमी की एक से अधिक बार गिनती होने की ज्यादा संभावना है. 

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