Mahakumbh Mela News: प्रयागराज में कैसे हुई झारखंड के शिवराज गुप्ता की मौत, दर्दनाक है कहानी
Last Updated:
Mahakumbh News: झारखंड के घाटशिला के रहने वाले 58 साल के बैंक कर्मचारी शिवराज गुप्ता की मौत बुधवार तड़के प्रयागराज के महाकुंभ मेले में मची भगदड़ में हो गई. इस हादसे में कुल 30 लोगों की मौत हुई है. ‘मौनी अमावस्य…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- महाकुंभ भगदड़ में 30 लोगों की मौत, 60 घायल.
- झारखंड के शिवराज गुप्ता की दम घुटने से मौत.
- शिवराज गुप्ता संगम में डुबकी लगाने से पहले मरे.
Mahakumbh Stampede: महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या को ऐसी भगदड़ मची, देखते ही देखते लाशें बिछ गईं. क्या यूपी और क्या बिहार और क्या झारखंड. देश के कोने-कोने में चीख-पुकार मच गई. सभी अपनों की तलाश में जुट गए. किसी का बेटा मर गया तो किसी की मां तो किसी की बहन. अब तक महाकुंभ भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई. 60 घायलों का इलाज चल रहा है. महाकुंभ में मची भगदड़ से अब प्रशासन सबक ले रहा है. मगर इस बीच मरने वालों की ऐसी कहानियां आ रही हैं जो दिल को दहलाने वाली हैं. झारखंड से प्रयागराज आए एक शख्स ने त्रिवेणी में डुबकी लगाने की खातिर 21 किलोमीटर तक लंबी पैदल यात्रा की. मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. संगम में डुबकी लगाने से पहले ही वह दुनिया को अलविदा कह गया.
दरअसल, झारखंड के घाटशिला से कई श्रद्धालु संगमनगरी आए थे. इनमें से एक बैंक कर्मचारी शिवराज गुप्ता भी थे. शिवराज गुप्ता की उम्र 58 साल थी. वह संगम में डुबकी लगाने की कामना लेकर घर से अकेले ही चले थे. हालांकि, वह अपने दोस्तों के ग्रुप में थे. जब महाकुंभ में बुधवार तड़के रात एक बजे भगदड़ मची तो मरने वालों में शिवराज गुप्ता भी शामिल थे.
इंडियो टुडे की खबर के मुताबिक, शिवराज गुप्ता अन्य 16 श्रद्धालुओं के ग्रुप के साथ प्रयागराज गए थे. इनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे. उनके साथ यात्रा करने वाले अधिकांश श्रद्धालु अपने परिवार के सदस्यों के साथ थे. मगर शिवराज गुप्ता अकेले ही अपने परिवार से संगम नगरी पहुंचे थे. मंगलवार की देर रात भगदड़ शुरू होने से कुछ देर पहले ही शिवराज गुप्ता अपने दोस्तों के साथ संगम पहुंचे थे. वह स्नान करने को बेताब थे. वह काफी दूर पैदल चलकर संगम नोज पहुंचे थे.
कैसे कई शिवराज की जान
मगर संगम में डुबकी लगाने से पहले ही काल ने उन्हें घेर लिया. रात एक बजे संगम नोज पर जैसे ही भीड़ बढ़ी और भगदड़ मच गई. शिवराज गुप्ता अपने दोस्तों के समूह से बिछड़ गए. उनके दोस्तों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की मगर भीड़ की वजह से उनकी पकड़ ढीली हो गई. देखते ही देखते भीड़ के पैरों तले शिवराज गुप्ता दब गए. चश्मदीदों की मानें तो उनकी मौत दम घुटने की वजह से हुई. घुटन भरी भीड़ के बीच वह फंस चुके थे. वह सांस नहीं ले पा रहे थे. इसी भीड़ में वह नीचे गिरे और उनकी मौत हो गई.
21 किलोमीटर तक पैदल चले
खबर के मुताबिक, उनके दोस्तों और परिवार का कहना है कि गुप्ता को पहले से ही सांस लेने में तकलीफ थी. उनके ग्रुप के अन्य सदस्य भी इस भगद़ड़ में घायल हुए थे. इस दौरान कई लोग भीड़ में बिछड़ गए. शिवराज गुप्ता की पत्नी पूनम राज ने बताया कि मंगलवार की रात को उनकी पति से बात हुई थी. तब उन्होंने बताया था कि भीड़ अधिक होने के कारण उन्हें संगम पहुंचने के लिए 21 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा.
आखिरी आवाज को तरसी पत्नी
सुबह होते-होते जब संगम पर भगदड़ की खबर फैली तो पूनम ने बार-बार अपने पति को फोन करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उनके साथ यात्रा करने वाले लोगों से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. दोपहर 1 बजे पूनम को अपने पति की भगदड़ में मौत की पुष्टि मिली. शिवराज गुप्ता झारखंड राज्य सहकारी बैंक के कर्मचारी थे. उनके परिवार में पत्नी के अलावा दिल्ली में काम करने वाली बेटी स्वर्णा और बेंगलुरु में बेटा शिवम जॉब में है.
Allahabad,Allahabad,Uttar Pradesh
January 30, 2025, 09:26 IST