महाराष्ट्र में फिर से बनेगी शिवसेना-भाजपा सरकार? केंद्रीय मंत्री ने कहा- पुरानी दोस्ती है, 50-50 भागीदारी के साथ सरकार बनाएं दोनों दल
बकौल अठावले शिवसेना और भाजपा में पिछले 25-30 सालों से दोस्ती रही है, दोनों दलों में बहुत ज्यादा मतभेद भी नहीं है।
शिवसेना नेता संजय राउत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की हालिया मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई हैं। दोनों नेताओं की इस मुलाकात को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसके अलगे ही दिन एनसीपी प्रमुख और प्रदेश के सीएम उद्धव ठाकरे की मुलाकात हुई थी। शिवसेना प्रमुख ठाकरे एनसीपी और कांग्रेस संग राज्य में गठबंधन सरकार चला रहे हैं।
इधर आरपीआई अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने मामले में प्रतिक्रिया देकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने हिंदी न्यूज चैनल एबीपी से कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना को भाजपा के साथ 50-50 के फॉर्मूले पर सरकार बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवसेना महाराष्ट्र की अहम पार्टी थी मगर उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई है। इतने दिनों तक तीनों दलों की सरकार चलना मुश्किल है।
बकौल अठावले शिवसेना और भाजपा में पिछले 25-30 सालों से दोस्ती रही है, दोनों दलों में बहुत ज्यादा मतभेद भी नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘देवेंद्र फडणवीस विपक्ष के नेता हैं और भाजपा नेता भी हैं। उनसे शिवसेना के संजय राउत ने मुलाकात की है। मुझे नहीं पता कि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई। मगर में बार-बार कहता रहा हूं कि शिवसेना को वापस भाजपा के साथ हाथ मिलाना चाहिए। बाला साहब ठाकरे की शिव शक्ति का सपना पूरा करना है तो शिवसेना को एनसीपी का साथ छोड़ देना चाहिए। ऐसा होता है तो भाजपा, शिवसेना और आरपीआई एक साथ आ सकते हैं और तीनों मिलकर सरकार बनाएंगे।’
उल्लेखनीय है कि देवेंद्र फडणवीस संग मुलाकात पर संजय राउत ने कहा था कि उन्होंने कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भाजपा नेता से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि फडणवीस राज्य के पूर्व सीएम हैं। वह महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता हैं और भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी भी हैं। हमारे बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम दुश्मन नहीं हैं। सीएम ठाकरे को भी इस बैठक के बारे में जानकारी थी।