maharashtra jharkhand assembly election 2025 how the government works under the code of conduct facts


महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावी तारीखों को ऐलान हो चुका है. महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नंवबर को चुनाव होंगे. वहीं झारखंड में दो चरणों में वोटिंग होगी. झारखंड में पहला राउंड 13 नंवबर को होगा. जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 20 तारीख हो होगी. वहीं चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. आज चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही दोनों प्रदेशों में आचार संहिता लागू हो गई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आचार संहिता के दौरान किसी प्रदेश की सरकार कैसे काम करती है और इस दौरान पुलिस किसके आर्डर मानती है? साथ ही आचार संहिता के दौरान किन चीजों पर पाबंदी लगाई जाती है? चलिए जानते हैं.

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आचार संहिता के दौरान इन चीजों पर होती है पाबंदी

आचार संहिता चुनाव के दौरान बहुत जरुरी है. यह एक तरह का कोड ऑफ कंडक्ट होता है जो राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान कुछ विशिष्ट गतिविधियों से रोकता है. आचार संहिता का उद्देश्य चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाना होता है. इस दौरान कुछ चीजों पर पाबंदी होती है.

जैसे आचार संहिता के तहत किसी भी धर्म, जाति या समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली बातें करना या ऐसी गतिविधियां करना प्रतिबंधित है. साथ ही सरकारी सुविधाओं, जैसे कि वाहन, कर्मचारी या धन का चुनाव प्रचार के लिए दुरुपयोग करना प्रतिबंधित है. इसके अलावा झूठी या भ्रामक जानकारी फैलाना, दुष्प्रचार करना या किसी अन्य उम्मीदवार के खिलाफ निराधार आरोप लगाना प्रतिबंधित है और मतदाताओं को प्रलोभन देना, धमकाना या किसी भी तरह से प्रभावित करने का प्रयास करना प्रतिबंधित है. वहीं चुनाव प्रचार के लिए एक निश्चित समय सीमा होती है और इस सीमा के बाद चुनाव प्रचार करना प्रतिबंधित होता है.

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आचार संहिता का उल्लंघन होने पर क्या होता है?

यदि किसी को लगता है कि किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है तो वह निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज करा सकता है. इसके बाद निर्वाचन आयोग शिकायत की जांच करता है और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो उचित कार्रवाई करता है. साथ ही निर्वाचन आयोग आरोपी दल या उम्मीदवार के खिलाफ कई तरह की कार्रवाई कर सकता है, जैसे कि चेतावनी देना, चुनाव प्रचार रोकना या यहां तक कि उम्मीदवारी रद्द कर देना.

आचार संहिता में कैसे काम करती है पुलिस?

आचार संहिता का पालन करवाना पुलिस की जिम्मेदारी होती है. पुलिस आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है. चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है. साथ ही पुलिस आचार संहिता का पालन करवाने के लिए गश्त करती है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखती है. इसके अलावा पुलिस निर्वाचन आयोग द्वारा प्राप्त शिकायतों की जांच करती है और आवश्यक कार्रवाई करती है. पुलिस आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती है.

गौरतलब है कि आचार संहिता के दौरान कोई भी पुलिस अधिकारी और शासकीय कर्मचारी किसी भी आधिकारिक चर्चा के लिए संघ या राज्य के किसी भी मंत्री, निर्वाचन क्षेत्र या राज्य के किसी भी संबंधित अधिकारी को नहीं बुला सकते. साथ ही कोई भी मंत्री संबंधित विभाग के प्रभारी के रूप में या फिर कोई मुख्यमंत्री तभी एक निर्वाचन क्षेत्र की आधिकारिक यात्रा कर सकता है, जब कोई आपात स्थिति आ जाए. जैसे कोई प्राकृतिक आपदा. इसके अलावा ऐसी स्थिति आ भी जाती हो तो इस स्थिति में पुलिस अधिकारी के साथ ही मुख्यमंत्री संबंधित क्षेत्र में जा सकते हैं.

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