Mangla Gauri Vrat 2023: Fifth Mangla Gauri Vrat Of Sawan Maas, Puja Vidhi And Shubh Muhurt – Mangla Gauri Vrat: आज है सावन का पांचवा मंगला गौरी व्रत, यहां जानिए पूजा की विधि
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मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद महिलाएं व्रत का संकल्प लेती हैं. व्रती महिलाएं पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां गौरी की प्रतिमा स्थापित करती हैं.
मां गौरी या शिव-पार्वती की प्रतिमा के समक्ष आटे का दीपक बनाकर जलाया जाता है. दीप प्रज्वलित करने के बाद धूप, फल, फूल और भोग आदि मां गौरी के समक्ष अर्पित किए जाते हैं. अंत में मां गौरी (Ma Gauri) की आरती गाई जाती है और व्रत कथा सुनकर पूजा संपन्न की जाती है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार मां गौरी मंगला गौरी व्रत रखा करती थीं जिसके पश्चात ही उन्हें भगवान शिव (Lord Shiva) पति के रूप में मिले. अधिकतर लड़कियां सावन सोमवार के दिन अच्छे वर की आस में व्रत रखती हैं, तो वहीं महिलाएं वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए मंगला गौरी व्रत रखकर पूजा-आराधना करती हैं.
मंगला गौरी आरती
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है, साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराता नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
देवन अरज करत हम चित को लाता गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता सदा सुख संपति पाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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