Mango tree has the longest lifespan and is most useful in every respect


दुनिया में लाखों प्रजाति के पेड़-पौधे पाए जाते हैं. कुछ पेड़ों का इतिहास और उम्र तो हजारों सालों पुराना है. धरती पर सभी क्षेत्रों में अलग-अलग पेड़ पौधे पाए जाते हैं. उदाहरण के लिए रेगिस्तान में पाए जाने वाले पेड़ असल में हिमालय में पाए जाने वालों पेड़ों से अलग हैं. आसान भाषा में कहा जाए, तो धरती पर पाए जाने वाले लाखों प्रजाति के पेड़-पौधे वातावरण पर निर्भर करते हैं और सबकी उम्र अलग-अलग होती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताएंगे, जो फल देता है और जीवन 100 साल से ज्यादा है. 

पेड़

धरती पर लाखों प्रजाति के पेड़-पौधे पाए जाते हैं. वहीं सभी हिस्सों में अलग-अलग पेड़ पौधे देखने को मिलते हैं. जैसे हिमालय में पाए जाने वाले पेड़ जमीनों पर पाए जाने वाले पेड़ों से अलग होते हैं. देवदार समेत कई ऐसे पेड़ हैं, जिनकी उम्र 200 सालों से अधिक की होती है. लेकिन आज हम आपको फल देने वाले एक ऐसे पेड़ के बारे में बताएंगे, जिसकी उम्र करीब 100 साल अधिक होती है और इसका इस्तेमाल धार्मिक कार्यों में भी होता है. 

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आम का पेड़

बता दें कि हिंदू धर्म में आम के पेड़ का कई तरह से महत्व बताया गया है. आम को हर रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके लकड़ी, फल या पत्ते इन सभी चीजों का महत्व बहुत है. हिंदू धर्म में होने वाले सभी धार्मिक अनुष्ठानों में आम की टहनी, लकड़ी और पत्ते का उपयोग किया जाता है. धार्मिक ग्रंथों में यह कहा गया है कि आम की लकड़ी से हवन करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. 

आम की लकड़ी

शास्त्रों में बताया गया है कि आम का पेड़ मंगल का कारक है. इस वृक्ष को मेष राशि का द्योतक माना गया है, इसलिए सभी मांगलिक कार्यों में आम के पत्ते और लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है. किसी भी धार्मिक कार्य बिना आम के पत्तों के सम्पन्न नहीं माना जाता है. इतना ही नहीं शुभ कार्यों में तोरण निर्माण के लिए आम के पत्तों का उपयोग किया जाता है. कहा जाता है कि तोरण में हनुमान जी का वास होता है, इसलिए इसे घर के मुख्य द्वार में लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है और घर में सुख शांति बनी रहती है.

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कलश 

आम के पत्ते का कलश निर्माण के लिए विशेष रूप से उपयोग किया जाता है. कांसे, पीतल और तांबे के कलश में 7,5,9 या 11 आम के पत्तों का इस्तेमाल पूजा और धार्मिक कार्यों में किया जाता है. इतना ही नहीं विवाह मंडप एंव यज्ञ की वेदी भी बिना आम के पत्तों के अधूरी है. इसलिए मांगलिक एवं धार्मिक अनुष्ठानों में इसका उपयोग सजाने के अलावा पूजा के लिए किया जाता है.आम की लकड़ी का इस्तेमाल हवन के लिए किया जाता है. इसके अलावा घी डालने के लिए आम के लकड़ी से सुरवा तैयार किया जाता है. सुरवा निर्माण के लिए आम की लकड़ी और पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है.

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आम का पेड़

आम का पेड़ हिंदू धर्म के मुताबिक इतना उपयोगी और धार्मिक है कि इसके बिना धार्मिक कार्य पूरा नहीं होता है. आम के पेड़ का पूर्ण रूप से इस्तेमाल होता है. फल, लकड़ी और पत्ते मतलब आम का पेड़ एक ऐसा पेड़ है, जिसका सारा हिस्सा उपयोगी है. 

आम के पेड़ की उम्र 

आम के पेड़ों में भी कई प्रकार होते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स और एक्सपर्ट के मुताबिक आम के पेड़ों की आयु 50 साल से 120 साल तक होती है. वहीं अधिकांश आम के पेड़ से 6 साल से 8 साल के बीच फल देने लगते हैं. 

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