Manipur Violence Security Forces Recovered Arms And Ammunition In State After Domination Operation
Manipur Domination Operation: हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए सेना, असम राइफल्स, सीएपीएफ और पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया. इसके तहत सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद किए हैं. सुरक्षा बलों के इस अभियान का मकसद छीने गए हथियारों की बरामदगी और शांति बहाली है.
मणिपुर में बीते दिनों हुई हिंसा के बाद से राज्य में माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था. अब सरकार और सेना के प्रयासों के बाद जीवन पटरी पर लौटता हुआ दिख रहा है. इसी क्रम में सुरक्षा बलों का कहना है कि राज्य में शांति स्थापित करने के लिए इस तरह के ऑपरेशन राज्य में जारी रहेंगे.
क्या-क्या बरामद हुआ?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस अभियान के तहत अब तक 40 हथियार (ज्यादातर स्वचालित), मोर्टार, गोला-बारूद और अन्य किस्म के युद्ध के सामान की बरामदगी की गई है. इस तरह के ऑपरेशन के समय इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि स्थानीय लोगों को परेशानी न हो और व्यक्तिगत सुरक्षा भी बनी रहे.
सुरक्षा बलों ने की ये अपील
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान मिले निर्देशों के बाद सुरक्षा बलों ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि राज्य में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हथियार जल्द से जल्द सौंप दें. साथ ही सुरक्षा बलों ने यह भी चेतावनी दी कि इन हथियारों को सरेंडर करने में विफल रहने पर ऐसे सभी लोग कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे.
Extensive Area Domination Operations by Army, Assam Rifles, CAPF & Police commence across Manipur to bring peace & harmony with effect from today morning: Spear Corps, Indian Army
(Video: Spear Corps, Indian Army) pic.twitter.com/zUJk1DxZyJ
— ANI (@ANI) June 3, 2023
इससे पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा का दौरा करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने गुरुवार (01 जून) को कहा, “मैंने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया है. हर समुदाय के साथ बैठक भी हुई है. सरकार मामले की जांच हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के लेवल वाले रिटायर्ड जज से कराएगी. इसके लिए आयोग का गठन होगा. इसके साथ ही शांति समिति का गठन भी किया जाएगा. वहीं, 6 विशिष्ट मामलों की सीबीआई जांच भी की जाएगी.”
उन्होंने हिंसाग्रस्त मणिपुर के अपने दौरे के बाद कहा था कि राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय शांति समिति का गठन किया जाएगा और समिति में सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को शामिल किया जाएगा.