manmohan singh father wanted him to be a doctor his daughter told the painful story of when he had no food


Manmohan Singh Death: कल यानी 26 दिसंबर देश के लिए बहुत बुरी खबर लेकर आया. देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. साल 2004 से लेकर 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह कल देर रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किए गए जहां उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. बता दें मनमोहन सिंह पिछले कुछ समय से गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे.

उनके निधन के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत बड़े-बड़े दिग्गजों ने शोक जाहिर किया. लेकिन क्या आपको पता है अर्थशास्त्र में करियर बनाने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे. कैसे भूखे पेट रहकर उन्होंने संघर्ष करके पाई इतनी सफलता. उनकी बेटी ने बताई है यह कहानी. 

पिता चाहते थे डॉक्टर बने मनमोहन सिंह

हर बच्चे के माता-पिता का सपना होता है. उनका बेटा अपने जीवन में कुछ पढ़ा करें. देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पिता गुरमुख सिंह का सपना था कि उनका बेटा डॉक्टर बने. इतना ही नहीं अपने पिता के इसरार पर मनमोहन सिंह ने  मेडिकल कोर्स में एडमिशन भी ले लिया था. लेकिन मनमोहन सिंह का मन तो कहीं और ही था. उन्हें मेडिकल और साइंस की पढ़ाई बिल्कुल भी भाती नहीं थी. इस कहानी के बारे में बताया है खुद मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने.

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साल 2014 में दमन सिंह ने किताब लिखी थी जिसका नाम था ‘स्ट्रिक्टली पर्सनल: मनमोहन एंड गुरशरण’. इस किताब में उन्होंने जिक्र किया था कैसे उनके पिता ने मेडिकल की पढ़ाई छोड़ अर्थशास्त्र की ओर रुख किया. दमन लिखती हैं,”चूंकि, उनके पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बनें, इसलिए उन्होंने (मनमोहन सिंह) दो वर्षीय एफएससी प्रोग्राम में दाखिला ले लिया, जिससे उन्हें मेडिकल में आगे की पढ़ाई करने का मौका मिलता. कुछ ही महीनों बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. डॉक्टर बनने में उनकी रुचि खत्म हो गई थी. असल में, विज्ञान पढ़ने में भी उनकी रुचि खत्म हो गई थी.”

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गरीबी में बीता बचपन, रहना पड़ता था भूखा

मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने स्ट्रिक्टली पर्सनल: मनमोहन एंड गुरशरण’ किताब में इस बात का भी जिक्र किया है कि उनके पिता का बचपन कैसा बीता था. मनमोहन सिंह एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनके घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी. कई बार उन्हें भूखे रहकर भी गुजारा करना पड़ता था. 

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