Method to worship Moon God on the day of Chaitra Purnima, know when Chaitra Purnima, auspicious time and method of worship. – News18 हिंदी


दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम.हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि, हिंदू नव वर्ष की पहली पूर्णिमा पड़ती है. इसे चैती पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिषाचार्य पं पंकज पाठक ने लोकल 18 से कहा कि चैत्र की पूर्णिमा पर भगवान चंद्र देव अपने पूर्ण आकार में होते हैं.

मान्यता है कि अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा व्रत करने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा के दिन किस मुहूर्त में पूजन करें एवं पूजन की सरल विधि, मुहूर्त.तिथि और शुभ मुहूर्तचैत्र माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 23 अप्रैल को सुबह 3:30 मिनट से शुरू होकर, पूर्णिमा तिथि का समापन 24 अप्रैल को सुबह 5:15 मिनट तक रहेगी. इसलिए चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल को मनाई जाएगी.

पूर्णिमा पूजा विधि
चैत्र पूर्णिमा पर अगर आप विधि विधान पूर्वक इस दिन पूजन करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर आपके घर के आस-पास किसी पवित्र नदी नर्मदा, कावेरी या गंगा में स्नान कर पवित्र हो जाएं. अगर आपके घर के आसपास पवित्र नदी न हो तो इन नदी का जल अपने नहाने के पानी में डालकर स्नान कर सकते हैं. इसके साथ ही सबसे पहले आप एक चौकी ले, उसके ऊपर एक लाल कलर का कपड़ा बिछा कर भगवान नारायण और धन की देवी माता मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद दीप प्रज्वलित कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को उनके पसंदीदा भोग लगाएं, साथ ही पुष्प माला अर्पित करें. इसके बाद माता मां लक्ष्मी का कनकधारा स्रोत और उनके मंत्रों का जप करें. इसके बाद आरती कर लोगों में प्रसाद का वितरण करें. इन सब के बाद गरीब को अपनी श्रद्धा के अनुसार दान अवश्य करें.

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