microbiology lab opened in Patna Common people will be able to get food items tested



HYP 4853309 cropped 14122024 192446 20241214 191737 watermark 1 microbiology lab opened in Patna Common people will be able to get food items tested

पटना. खाने-पीने की चीजों में मिलावट करने वाले लोगों की अब खैर नहीं है. अब मिलावट की जांच पहले से ज्यादा सटीक और जल्दी संभव हो पाएगी. इसके अलावा फूड पॉयजनिंग जैसे मामलों की जांच के लिए सैंपल को दूसरे राज्यों में भेजने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. अब झारखंड, बंगाल सहित अन्य राज्य अपने सैंपल को पटना भेजेंगे, ताकि सही और सटीक रिपोर्ट मिल सके.

यह संभव हो पाया है नए और अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब की वजह से. जी हां, पटना सिटी के अगमकुआं स्थित संयुक्त खाद्य एवं औषधि जांच प्रयोगशाला में नए माइक्रोबायोलॉजी लैब का शनिवार को उद्घाटन किया गया. करीब 19 करोड़ की लागत से तैयार हुए इस लैब में आम लोग भी अपने खाद्य पदार्थों की जांच करवा सकते हैं.

क्या है इस लैब की खासियत

माइक्रोबायोलॉजी लैब के टेक्नीशियन संजय कुमार संजीव ने बताया कि इस लैब के जरिए माइक्रो चीजों की भी जांच कर सकते हैं. अक्सर जब मिठाई पुरानी हो जाती है तो, उसपर फंगस लग जाता है. दुकान वाले कोटिंग कर इसको छिपा देते हैं. इसी प्रकार, कई दिन पुरानी मीट को बार-बार गर्म कर ग्राहकों को खिलाते रहते हैं. जब कोई भी फूड आइटम पुराना हो जाता है तो, उसमें बैक्टीरिया या फंगस जैसी माइक्रो चीजों का विकास होता है. इस लैब में इन्हीं माइक्रो यानी सूक्ष्म जीवों की पहचान करना आसान हो जायेगा.

फूड पॉयजनिंग की जांच करना हुआ आसान

एक्सपर्ट संजय कुमार संजीव की मानें तो यह देश का 13वां और बिहार का पहला माइक्रोबायोलॉजी लैब है. इस लैब की वजह से फूड पॉयजनिंग की जांच अब जल्दी और सटीक तरीके से हो पायेगी. पूर्व में जब भी फूड पॉयजनिंग के मामले सामने आते थे, तब सैंपल को कोलकाता, मुंबई या हैदराबाद जांच के लिए भेजा जाता था. लेकिन, अब पटना में भी यह सुविधा उपलब्ध हो गई है. अब दूसरे राज्यों से भी सैंपल पटना आएगा और जांच के बाद रिपोर्ट भेजेंगे.

आम लोग ऐसे करवा सकते हैं जांच

एक्सपर्ट संजय बताते हैं कि इस लैब में आम लोग भी अपने खाद्य पदार्थों की जांच करवा सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति को अपने फूड आइटम की जांच करवानी है तो वो उस आइटम का सैंपल पटना स्थित प्रयोगशाला के ऑफिस में लाकर सैंपल रिसीविंग काउंटर पर जमा करवा सकता है. इसके लिए 1000 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. इसके अलावा अगर लोगों को लगता है कि उनके आस-पास का दुकानदार कोई मिलावट करता है या खराब फूड आइटम बेचता है तो, सीधे फूड इंस्पेक्टर को इसकी सूचना दे सकता है. फूड इंस्पेक्टर उस दुकान पर रेड मारेगा और सैंपल की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेगा.

Tags: Bihar News, Local18, PATNA NEWS



Source link

x