Mira Road Murder Case Accused Said Deceased Committed Suicide Police Says Do Not Trust Anything 10 Updates – सरस्वती बेटी जैसी थी, उसने खुदकुशी की… : पुलिस बोली- आरोपी का दावा भरोसे लायक नहीं, जानें अब तक का अपडेट
महाराष्ट्र में ठाणे जिले में मीरा रोड स्थित फ्लैट से एक महिला का क्षत-विक्षत शव बरामद होने के बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. एक अदालत ने आरोपी व्यक्ति को 16 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. आरोपी मनोज साने का कहना है कि मृतका सरस्वती वैद्य ने खुदकुशी की है और वह उसे बेटी मानता था. हालांकि, पुलिस का कहना है कि आरोपी की किसी बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि आमतौर पर अपराधी बचने के लिए ऐसी कहानियां गढ़ते हैं. साथ ही पुलिस ने बताया कि दोनों के बीच झगड़े होते रहते थे.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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पुलिस ने बताया कि ठाणे के मीरा भायंदर इलाके में एक इमारत के सातवें तल पर एक फ्लैट में 36-वर्षीय एक महिला का शव बरामद हुआ था, जिसके कई टुकड़े किए गए थे और इन टुकड़ों को प्रेशर कुकर में उबाला गया था. उन्होंने बताया कि पीड़िता सरस्वती वैद्य, मनोज साने (56) नामक व्यक्ति के साथ ‘लिव-इन’ में रहती थी. उसने बताया कि ये दोनों पिछले तीन साल से इस फ्लैट में रह रहे थे.
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पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि साने पिछले कुछ दिनों से आवारा कुत्तों को खाना खिला रहा था और उसने ऐसा पहले कभी नहीं किया था. नया नगर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को स्थानीय निवासियों ने पुलिस को फ्लैट से दुर्गंध आने की सूचना दी थी.
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सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और वहां महिला का क्षत-विक्षत शव मिला, जिसे कई टुकड़ों में काटा गया था. उन्होंने बताया कि बाद में महिला की पहचान सरस्वती वैद्य के रूप में हुई.
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पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश कर 16 जून तक पुलिस रिमांड भी ले ली है. पुलिस के मुताबिक, मनोज ने ये बात कबूल की है कि दोनों में झगड़े हुआ करते थे. आरोपी ने बताया कि महिला ने 3 जून को खुदकुशी की थी. इसके बाद मनोज डर गया. मनोज को डर था कि वह कहीं फंस ना जाएं, इसलिए उसने शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की.
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हालांकि, पुलिस का कहना है कि आरोपी मनोज की कहानी पर उसे बिल्कुल भी भरोसा नहीं है. आमतौर पर अपराध करने के बाद सजा से बचने के लिए इस तरह की कहानी अपराधी सुनाते हैं. मामले की जांच हर एंगल से की जा रही है. ऐसे में अभी आरोपी के बयान पर भरोसा नहीं कर सकते हैं.
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पुलिस का कहना है कि फ्लैट खोला, तो जो दिखा वो दिल दहला देने वाला था. घर में कटर मशीन थी, बेड में काला पालस्टिक बैग था, तीन बाल्टी में मांस के टुकड़े थे, जिसमें ये शरीर के अंगों को भी पहचानना मुश्किल था.
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मनोज के ठीक सामने रहने वाले पड़ोसी सोमेश श्रीवास्तव ने एनडीटीवी को बताया था कि दो तीन दिनों से उन्हे बदबू आ रही थी. सोमेश ने मनोज का दरवाजा भी खटखटाया था, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. एक बार घर में स्प्रे मारने की आवाज भी आई, जिसके बाद सोमेश का शक गहरा गया. यहां तक कि 7 जून को बिल्डिंग के नीचे मिलने पर जब सोमेश ने मनोज को बताया तो भी उसने नजरंदाज किया, जिसके बाद पुलिस को खबर कर दी गई.
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आरोपी मनोज साने और मृतका सरस्वती वैद्य की मुलाकात 10 साल पहले बोरीवली की राशन की दुकान में हुई थी, जहां मनोज काम किया करता था. मनोज ने आईटीआई की पढ़ाई की थी. सरस्वती अनाथ थी, तो वहीं मनोज अपने घरवालों से अलग रह रहा था.
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मृतका सरस्वती वैद्य अनाथ थीं . NDTV उसी अनाथ आश्रम में पहुंचा जहां मृतका रही थीं. मृतका सरस्वती वैद्य अहमद नगर के जानकीबाई आपटे बालिका आश्रम से पढ़ी थीं. उन्होंने वहां से दसवीं की पढ़ाई की थी. आश्रम की कर्मचारी अनु सालवे ने एनडीटीवी को बताया कि सरस्वती उस आदमी को मामा पुकारती थी.
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सरस्वती ने आश्रम में बताया था कि मामा बहुत पैसे वाला है और उसकी कपड़े की मिल है. वो दोनों सफेद कार में आते थे. सरस्वती अपने साथ दूसरे बच्चों के लिए खाना और कपड़े भी लाती थी.पहले वो बहुत खुश रहती थी, लेकिन दो साल पहले आई थी, तब दुखी थी और ठीक से बात नहीं की थी. सरस्वती जब 18 साल की हुई थी, तब आश्रम से अपनी बहन के यहां चली गई थी.