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अजमेर. मोगरा के पौधे को गार्डन का राजा कहा जाता है क्योंकि इसके फूलों की खुशबू बहुत अच्छी होती है. हर किसी को इसकी खुशबू पसंद आती है. इसकी खुशबू के कारण लोग घर के चौक आंगन में भी इस पौधे को लगाते हैं. मोगरा एक सदाबहार पौधा होता है, जो हर मौसम में हरा रहता है.
आयुर्वेद में भी इस पौधे का महत्व
इनके पत्तों को हाथों पर रगड़ने से हाथ भी खुशबूदार हो जाते हैं. इसके अलावा आयुर्वेद में भी मोगरा के पौधे का उपयोग किया जाता है. इसके सही उपयोग से कई गंभीर बीमारियों का इलाज होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार मोगरे के पौधे को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना शुभ रहता हैं.
मोगरे के पौधे के औषधीय गुण
आयुर्वेदिक डॉक्टर राकेश शर्मा ने बताया कि मोगरा शरीर के आंतरिक हिस्से की सफाई कर देता है क्योंकि मोगरे के पौधे के फूलों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. इसलिए यह शरीर को डिटॉक्सीफ़ाई कर देता है. इसके अलावा इसके फूलों का रस त्वचा को मॉश्चराइज व स्वास्थ्य व बनाने में सहायक होते हैं.
बालों को करता है मजबूत
मोगरे के फूलों में मौजूद तत्व बालों को जड़ों से मजबूत व घना बनाने में सहायक होते हैं. मोगरा बालों को मुलायम बनाता हैं. वही मोगरे के फूलों त्वचा के घाव और खरोंच भरने में उपयोगी पौधा माना जाता है. इसके फूलों मौजूद पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं.
हिंदू धर्म में मोगरा के फूल बहुत विशेष
मोगरा के फूलों को भगवान शिव, विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा में विशेष रूप से अर्पित किया जाता है. पंडित सुरेंद्र राजगुरु ने बताया कि मोगरा को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. इसे मंदिरों में सजावट और दीपमालाओं में उपयोग किया जाता है. इसकी सुगंध वातावरण को शुद्ध करती है. विवाह के दौरान भी मोगरा की मालाओं का उपयोग दूल्हा-दुल्हन द्वारा एक दूसरे को पहनाने में किया जाता है. मोगरा की माला का उपयोग आरती और भजन के दौरान भगवान को अर्पित करने के लिए किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 20:19 IST