Monash University Heat Wave Report how many people die every year in India due to heat wave
‘गर्मी बहुत है आज खुला रख मकान को, उस की गली से रात को पुरवाई आएगी’ ख़लील रामपुरी अपने इस शेर में जिस पुरवाई की बात कर रहे हैं, फिलहाल उत्तर भारत से वो नदारद है. इन दिनों यहां लू का कहर है. दिन में 10 बजे के बाद सड़कों पर आग बरस रही है. अब इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि दुनिया भर में हर साल होने वाली 153,078 मौतों के लिए लू और गर्म हवाएं जिम्मेवार हैं.
हर पांचवीं मौत की जिम्मेदार है ये लू
ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी (Australia’s Monash University Heat Wave Report) ने साल 1990 से 2019 के बीच के आंकड़ों पर आधारित एक रिसर्च की है. इस रिसर्च में 43 देशों की 750 जगहों पर होने वाली मौतों के आंकड़ों को शामिल किया गया है. इस रिसर्च के नतीजे अंतराष्ट्रीय जर्नल प्लोस मेडिसिन में प्रकाशित हुए हैं.
इस रिसर्च के नतीजों के अनुसार, दुनिया भर में इन 30 वर्षों के बीच लू की वजह से करीब 45,92,326 लोगों की जान गई है. अकेले भारत की बात करें तो यहां हर साल लू से औसतन 31,748 मौतें हुई हैं. वहीं दुनियाभर की बात करें तो लू से दुनियाभर में हर साल 153,078 लोगों की मौत हुई है. भारत के आंकड़ों से इसकी तुलना करें तो लू के कारण होने वाली मौतों में से हर 5वीं मौत भारत में हुई है.
मौत की चार्ट में कौन किस स्थान पर
इस रिसर्च के अनुसार, भारत लू से होने वाली मौतों के मामले में सबसे ऊपर है. हर साल लू से होने वाली लगभग डेढ़ लाख मौतों में 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सा भारत का है. वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर भारत का पड़ोसी देश चीन है. यहां लू से हर साल लगभग 21 हजार लोगों की मौत हो जाती है. जबकि तीसरे नंबर पर है रूस. यहां लू से हर साल लगभग 12 हजार लोग अपनी जान गंवा देते हैं. जबकि, अमेरिका में लू से हर साल लगभग 8 हजार लोग अपनी जान गंवा देते हैं.
तप रहे हैं शहर
17 मई को देश की राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ में अधिकतम तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 17 मई को देश में इससे ज्यादा कहीं गर्मी नहीं पड़ी. मौसम विभाग की मानें तो 17 मई को दिल्ली में 14 साल बाद इतनी भीषण गर्मी पड़ी है. वहीं दूसरे नंबर पर हरियाणा का सिरसा रहा, जहां पारा 47.1 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. स्थिति ये हो गई है कि मौसम विभाग ने हरियाणा, पंजाब, पूर्वी राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात में घातक लू को लेकर ऑरेंज अलर्ट भी जारी कर दिया है.
लू की वजह से कैसे मर जाते हैं लोग?
इंसानी शरीर इस तरह से बना है कि वह एक हद तक ही गर्मी और सर्दी को झेल सकता है. अगर गर्मी के दिनों में पारा 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है और गर्म हवाएं चल रही हैं तो आपको घर के अंदर रहना चाहिए. ऐसे में अगर आप घर के बाहर निकले और सूरज की रौशनी के संपर्क में ज्यादा देर तक रहे तो गर्म हवाओं और सूरज की रौशनी के कारण आपके शरीर का तापमान तेजी से बढ़ने लगेगा.
खून के गर्म होने पर आपको सांस लेने में दिक्कत आएगी और फिर ब्लड प्रेशर कम होने लगेगा. इसके बाद धीरे-धीरे आपके शरीर के अंग काम करना बंद कर देंगे और कुछ देर में आपकी मौत हो जाएगी. इसीलिए कहा जाता है कि जब बाहर लू चल रही हो तो घर में रहें. कोशिश करें कि बाहर के सारे काम सुबह 10 बजे से पहले या शाम को 6 बजे के बाद करें.
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