Moradabad News: कूड़ा प्रबंधन में विफल होने पर कैंसिल हुआ इस कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट, जुर्माना भी लगा


मुरादाबाद/पीयूष शर्मा: शहर से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए अनुबंधित कंपनी ‘हरी भरी’ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं. 2017 में नगर निगम ने इस कंपनी से 30 वर्षों का अनुबंध किया था लेकिन अब तक कंपनी ने केवल 1.5 लाख टन कूड़े का निस्तारण किया है. जबकि 4.5 लाख टन कूड़ा प्लांट पर पहुंच चुका था. चेतावनियों के बावजूद सुधार न होने पर अब हरी भरी पर 5.29 करोड़ का जुर्माना लगाया गया और इसे काली सूची में डाल दिया गया है.

महापौर ने ली कार्य की जानकारी
महापौर विनोद अग्रवाल ने रामपुर रोड स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड प्रसंस्करण प्लांट पर कार्यदायी संस्था हरी भरी के कार्यों के बारे में जानकारी ली. नगर निगम के पर्यावरण अभियंता ने बताया कि 2017 में कंपनी के साथ 30 वर्षों का इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का करार हुआ था लेकिन अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किया गया. 2020 में कूड़ा निस्तारण में देरी के बाद, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी के निर्देशों के तहत कंपनी के साथ पूरक अनुबंध किया गया, जिसमें कूड़े के प्रसंस्करण पर जोर दिया गया.

कंपनी को दिया गया था लोन
कंपनी को 2.30 करोड़ रुपये का लोन भी दिया गया था, इस शर्त पर कि वह पूर्व स्थापित मशीनरी को दुरुस्त कर काम शुरू करेगी. हालांकि, अब तक कंपनी ने 4.5 लाख टन कूड़ा प्लांट पर भेजा लेकिन उसने सिर्फ 1.5 लाख टन का निस्तारण किया. बाकी 3 लाख टन कूड़ा प्लांट के आसपास एकत्र कर दिया गया, जिससे कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए. इन पहाड़ों के कारण भूजल और वायु प्रदूषण में वृद्धि हुई, जिससे नागरिकों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ा.

जुर्माना और कार्रवाई की चेतावनी
महापौर विनोद अग्रवाल ने बताया कि कंपनी की लापरवाही के कारण कूड़े के ढेर लगे हैं, जिससे पर्यावरणीय संकट पैदा हुआ है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए टेंडर को तुरंत रद्द कर दिया गया है और कंपनी पर 5.29 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है.इसके साथ ही, अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है, जिन्होंने कंपनी को लाभ पहुंचाने की कोशिश की थी. महापौर ने सचिव नगर विकास से ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की है.

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