More Than 5 Thousand Factories, 50 Thousand Workers Affected By Farmers Protest – ग्राउंड रिपोर्ट : किसान आंदोलन का खामियाजा भुगत रहीं 5 हजार फैक्ट्रियां और 50 हजार से ज्यादा मजदूर
सिंधु बार्डर पर आज दूसरे दिन प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने अपने मोर्चे को और मजबूत किया. लेकिन किसान और पुलिस की इस मोर्चेबंदी का सबसे ज्यादा खामियाजा मजदूर और फैक्ट्री मालिक भुगत रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि किसानों के इस प्रदर्शन से 5 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां और पचास हजार से ज्यादा मजदूर प्रभावित हो रहे हैं.
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दिल्ली-हरियाणा सीमा पर आसमान में ड्रोन और जमीन पर कंटेनर से लेकर पैरामिलिट्री फोर्स तक की तैनाती की जा चुकी है. आंदोलन को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सालों पुराने बसों से लेकर LRAD मशीन तक लगाई गई है. LRAD मशीन से ऐसी आवाज निकलती है कि ज्यादा देर तक इसके सामने खड़े होने से प्रदर्शनतारी बहरे तक हो सकते हैं. दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने शंभू बार्डर के बाद आधा दर्जन और नाके लगाए हैं.
हरियाणा के डीजीपी बी सतीश बालन ने बताया कि शंभु बार्डर के बाद पांच जिलों में भी सुरक्षा लेयर बनाई गई है. हिंसा करने वाले किसानों पर कठोर कार्रवाई होगी. लेकिन दिल्ली और हरियाणा पुलिस की इस नाकेबंदी से सबसे ज्यादा कोंडली और राई औद्योगिक इलाके की 5 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां और पचास हजार से ज्यादा मजदूर प्रभावित हो रहे हैं. नंदू कोंडली के ट्रांसपोर्टर हैं. लेकिन सामान से गोदाम भरा है. लेकिन उसे पहुंचा नहीं पा रहे हैं. कई फैक्ट्रियां और शोरुम बंद होने से मजदूर यहां से पलायन कर रहे हैं, जो बचे हैं. उनको कई किमी पैदल चलकर फैक्ट्रियों तक पहुंचना पड़ रहा है.
उधर, संयुक्त किसान मोर्चे ने भी 16 तारीख को भारत बंद का ऐलान किया है. ऐसे में अगर इस मामले को सरकार ने नहीं सुलझाया तो तीन साल पहले किसान आंदोलन वाले हालात फिर से पैदा हो सकते हैं.