More Than 700 Myanmar Citizens Came In Just 2 Days Amid Violence In Manipur Serious Questions Raised About Security – मणिपुर में हिंसा के बीच बीते 2 दिनों में आए 700 से अधिक म्यांमार नागरिक, सुरक्षा को लेकर उठे गंभीर सवाल
इम्फाल/नई दिल्ली:
मणिपुर में क्या हालात हैं, ये किसी से छिपे नहीं हैं. सड़क से संसद तक में मणिपुर हिंसा को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. इस बीच एक चौंकानेवाली बात सामने आई है. सोमवार देर रात गृह विभाग के एक बयान के अनुसार, मणिपुर सरकार ने असम राइफल्स से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि कैसे केवल दो दिनों में यानी 22 और 23 जुलाई को कम से कम 718 म्यांमार नागरिकों को “उचित यात्रा दस्तावेजों” के बिना “भारत में प्रवेश करने की अनुमति दी गई?” सरकार ने चंदेल जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को मामले को देखने और म्यांमार के नागरिकों के बायोमेट्रिक्स और तस्वीरें भी रखने का निर्देश दिया.
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मणिपुर सरकार का यह बयान महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें असम राइफल्स से पूछा गया है कि कैसे, उसकी निगरानी में घाटी-बहुसंख्यक मैतेई और पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी जनजाति के बीच दो महीने से अधिक समय तक चली हिंसा के कारण मणिपुर में व्याप्त तनाव के बीच केवल दो दिनों में 700 से अधिक म्यांमार के नागरिक भारत में प्रवेश कर गए.
मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले लोगों ने पहचान उजागर किए बिना एनडीटीवी को बताया कि राज्य सरकार चिंतित है, क्योंकि यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि क्या हथियार और गोला-बारूद भारत में आए म्यांमार के नागरिकों के नए समूह के साथ लाए गए होंगे?
मणिपुर गृह विभाग ने सोमवार को एक बयान में कहा, “मुख्यालय 28 सेक्टर असम राइफल्स ने बताया था कि खमपत में चल रही झड़पों के कारण 23 जुलाई को 718 नए शरणार्थी भारत-म्यांमार सीमा पार कर चंदेल जिले के माध्यम से मणिपुर में प्रवेश कर चुके हैं.
मणिपुर के मुख्य सचिव डॉ. विनीत जोशी द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है कि मणिपुर सरकार ने कहा- उसने सीमा सुरक्षा बल होने के नाते असम राइफल्स को स्पष्ट रूप से सूचित कर दिया है कि गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, वैध वीजा या यात्रा दस्तावेजों के बिना किसी भी आधार पर म्यांमार के नागरिकों के मणिपुर में प्रवेश को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए.
सरकार ने बयान में कहा, “राज्य सरकार 718 शरणार्थियों के ताजा अवैध प्रवेश को अत्यंत संवेदनशीलता के साथ बहुत गंभीरता से ले रही है, क्योंकि विशेष रूप से चल रहे कानून और व्यवस्था के मुद्दों को देखते हुए इसके अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हो सकते हैं.”
मणिपुर सरकार ने कहा कि उसने असम राइफल्स प्राधिकरण से तथ्यों और बाध्यकारी परिस्थितियों/कारणों पर स्पष्टीकरण के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि क्यों और कैसे इन 718 म्यांमार नागरिकों को उचित यात्रा दस्तावेजों के बिना चंदेल जिले में भारत में प्रवेश करने की अनुमति दी गई. साथ ही उन 718 अवैध म्यांमार नागरिकों को तुरंत वापस भेजने की सख्त सलाह दी गई.”
मणिपुर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने के लिए अभी भी लंबा रास्ता तय करना है. 3 मई को शुरू हुई हिंसा में 150 से अधिक लोग मारे गए हैं. हजारों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं. अलग-अलग समुदायों के जो पड़ोसी एक साथ रहते थे, वे अलग हो गए हैं. मणिपुर दो महीने से अधिक समय से इंटरनेट सेवा रद्द है.
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