MP में दो धड़ों में बंटे राजपूत! प्रशासन से लेकर मंत्री भी परेशान, 6 महीने से अटका यह जरूरी काम


Agency:News18 Madhya Pradesh

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Sagar News: सागर में विवाद बढ़ गया है. यहां दोनों पक्षों में राजपूत बट गए हैं, जिसे सभी लोग परेशान हो गए हैं. वहीं इस विवाद की वजह से पिछले 6 महीनों से एक जरूरी काम रुक गया है.

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मूर्ति 

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हाइलाइट्स

  • सागर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर विवाद
  • राजपूत समाज दो धड़ों में बंटा
  • 6 महीने से प्रतिमा स्थापना का काम रुका

सागर. देश के गौरव और क्षत्रिय राजपूतों की आन-बान-शान माने जाने वाले वीर महाराणा प्रताप की बुंदेलखंड के सागर में भव्य प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव है, लेकिन प्रतिमा लगने से पहले ही इस पर विवाद शुरू हो गया है. क्षत्रिय समाज के लोग दो धड़ों में बंट गए हैं. एक पक्ष महाराणा प्रताप की प्रतिमा को नई नगर निगम बिल्डिंग के सामने लगवाने पर अड़ा हुआ है, जबकि दूसरा धड़ा इसे शहर के सार्वजनिक स्थल पर लगाने की मांग कर रहा है. इसके लिए उन्होंने कलेक्टर, कमिश्नर से लेकर मंत्री तक को ज्ञापन सौंपे हैं.

ग्वालियर में बनकर तैयार हो गई प्रतिमा
सागर शहर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने के लिए करीब सवा साल पहले मध्य प्रदेश सरकार ने एक करोड़ रुपये आवंटित किए थे. यह राशि नगर निगम के लिए स्वीकृत भी हो चुकी थी. राशि आने के बाद नगर निगम ने काम शुरू किया था और आधा बेसमेंट भी बना लिया था, लेकिन फिर काम रोक दिया गया. उधर, ग्वालियर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा बनकर तैयार हो चुकी है. अब केवल बेसमेंट को पूरा कर प्रतिमा को सागर लाने और स्थापित करने का काम बाकी है, लेकिन यह मामला करीब 6 महीने से अटका पड़ा है.

सार्वजनिक स्थल पर प्रतिमा लगाने की मांग
करीब एक महीने पहले नवगठित क्षत्रिय समाज ने सड़कों पर उतरकर शक्ति प्रदर्शन किया था और कलेक्टर को ज्ञापन देकर जल्द से जल्द मूर्ति स्थापना की मांग की थी. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर जल्द ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे. अब इसी समाज के दूसरे पक्ष ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से मिलकर महाराणा प्रताप की प्रतिमा को बस स्टैंड, सिविल लाइन, गोपालगंज, राजघाट जैसे सार्वजनिक चौराहों या स्थलों पर लगाने की मांग की है.

महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा धूल खा रही
इस मांग के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि बुंदेलखंड के वीर सपूत महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा को विजय टॉकीज चौराहे के पास लगाया गया है, लेकिन दीवार के बाजू में होने की वजह से उसे वह सम्मान नहीं मिल पा रहा है, जो मिलना चाहिए. इसी तरह अगर नगर निगम के सामने महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाई गई, तो वह भी एकांत में हो जाएगी. अगर प्रतिमा लगाई जा रही है तो सड़क से गुजरने वाले हजारों लोगों को उनके दर्शन होने चाहिए. उन्होंने छत्रसाल प्रतिमा को भी सार्वजनिक स्थल पर सम्मानपूर्वक लगाने की मांग की है.

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