MP में यहां लोगों का मतदान से बहिष्कार, बोले- NOC मिलने पर बंद होगा आंदोलन


शशिकांत ओझा. किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे जरूरी होती है सड़क. इसके कारण ही यातायात के माध्यम से सुविधा पहुंचाई और बढ़ाई जाती है, लेकिन झारखंड में एक ऐसा गांव है, जहां 20 साल से सड़क नहीं बनी. जिस कारण लोगों का जीवन वहीं रुका हुआ है. योजनाएं तो सरकार अनेकों चलाती हैं, मगर उनका लाभ इस गांव के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इस गांव में सड़क भी नहीं है, जिस कारण पूरे ग्रामीण एक जुट होकर चुनाव का विरोध कर रहे हैं.

दरअसल, पलामू जिले के पड़वा प्रखंड के मझिगांव मानआहर सड़क की बदहाली से 20 हजार से अधिक आबादी त्रस्त है. 4.5 किलोमीटर की इस सड़क पर बरसात के मौसम में जान खतरे में डालकर 10 हजार से अधिक आबादी रोजाना गुजरती है. यहां जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं, जिससे आए दिन यहां दुर्घटना होती रहती हैं. ऐसे में ग्रामीण एकजुट होकर वोट का विरोध करने पर उतर गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि रोड नहीं तो वोट नहीं. ग्रामीण मुख्य पथ सहित आसपास के 9 से 10 गांव के विभिन्न चौराहों पर बड़े-बड़े बैनर लगाने के साथ मझिगांव के आसपास के गांवों में घर घर जाकर लोगों से वोट नहीं देने की अपील कर रहे है. इसे लेकर ग्रामीण एक दिवसीय भूख हड़ताल भी कर चुके हैं.

ग्रामीण सोनू कुमार ने बताया कि मझीगांव मान आहार मुख्य पथ से रोजाना 10 हजार आबादी गुजरती है. ये वो सड़क है जो मझीगांव, छेछौरी, चिल्ही, लामीपतरा समेत 9 से 10 गांव को जोड़ती है. ये सड़क  जर्जर अवस्था में पिछले 20 वर्षों से है. यहां बरसात के दिनों में वाहन क्या पैदल चलना मुश्किल हो जाता है. इस सड़क की बदहाली के कारण ग्रामीण शिक्षा, स्वास्थ्य समेत कई सुविधाओं से वांछित हो जाते हैं. गांव में एंबुलेंस तक नहीं पहुंचाती. इसे लेकर हम ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं. अगर हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो आंदोलन चलता रहेगा.

ये हैं मांगें
उन्होंने बताया कि इस पथ के निर्माण हेतु स्वीकृति भी मिल चुकी है. इसके साथ संवेदक का भी चयन कर लिया गया है. परंतु इस पथ के निर्माण को लेकर प्राथमिकी दर्ज होने के कारण काम आज तक शुरू नहीं हो सका. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वर्ष 2016 से लगातार एसपी आफिस को आवेदन देकर एक अनापत्ति प्रमाण की मांग की जा रही है, लेकिन आठ साल में एसपी कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त हुआ. जिस कारण ये पथ आज तक नहीं बन सका. इसके अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु किसी के द्वारा कोई सार्थक पहल नहीं किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वो इसके लिए सभी नेता, मंत्री, विधायक और सांसद के पास गए, लेकिन किसी ने इनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया.

अभी तक नहीं पहुंचे कोई प्रशासनिक पदाधिकारी
उन्होंने बताया कि रोड नहीं तो वोट नहीं का अभियान मई से चल रहा है. इस आंदोलन को खत्म करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की गई. एक ओर जिला प्रशासन मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अनेकों कार्यक्रम चला रही है, पर वोट बहिष्कार आंदोलन करने वाले ग्रामीणों से मिलने आज तक कोई पदाधिकारी नहीं पहुंचा है. उन्होंने कहा कि अपनी मांग को लेकर ग्रामीण शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं.अगर जिला प्रशासन द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया जाता है तो वो अपना आंदोलन रोक देंगे.

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