MP: A Private School Has Been Accused Of Wearing Hijab To Hindu Girls, An Investigation Has Been Ordered – मप्र : निजी स्कूल पर लगा हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने का आरोप, सीएम की सख्ती के बाद कलेक्टर ने की कार्रवाई


मप्र : निजी स्कूल पर लगा हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने का आरोप, सीएम की सख्ती के बाद कलेक्टर ने की कार्रवाई

मध्य प्रदेश के निजी स्कूल पर हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने का आरोप लगा है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश के दमोह जिले (Damoh District) में एक निजी स्कूल (Private school) में हिंदू छात्राओं को जबरन हिजाब (Hijab) पहनाया जा रहा है, जिसके बाद इस स्कूल की यूनिफॉर्म को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सख़्त तेवर के बाद दमोह कलेक्टर ने स्कूल पर कार्रवाई की है. वहीं दमोह के गंगा जमुना स्कूल प्रबंधन ने ड्रेस से स्कार्फ, हिजाब का बंधन हटा लिया है. इसके साथ ही “लब पे आती है दुआ……” सरीखे गीत भी स्कूल में नहीं गाए जाएंगे. प्रातः कालीन प्रार्थना में अब केवल राष्ट्रगान जन गण मन होगा. दमोह कलेक्टर ने कहा मुख्यमंत्री के सख़्त निर्देश पर स्कूल मामले में गठित समिति द्वारा जांच जारी रहेगी कि ये सब किन परिस्थितियों में हुआ.

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इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को भोपाल में संवाददाताओं से कहा, ‘‘दमोह में गंगा जमुना स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब में दिखाने के मामले की जांच जिला शिक्षा अधिकारी से कराई गई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं.’इसी बीच, हिंदू संगठनों ने दमोह जिलाधिकारी के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और स्कूल का पंजीकरण रद्द करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर कर रहा है.

वहीं, दमोह के जिलाधिकारी मयंक अग्रवाल ने मंगलवार को बताया था कि गंगा जमुना स्कूल के एक पोस्टर को लेकर कुछ लोगों द्वारा फैलायी जा रही जानकारी को लेकर थाना प्रभारी कोतवाली और जिला शिक्षा अधिकारी से जांच कराने पर तथ्य गलत पाये गये. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की.

हालांकि, एक दिन बाद बुधवार को उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के निर्देश के बाद गंगा जमुना स्कूल के टॉपर वाले पोस्टर के मामले में तहसीलदार दमोह की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है. जांच समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, स्कूल के संचालक मुस्ताक खान ने बताया कि स्कूल में यूनिफॉर्म में स्कार्फ शामिल है, लेकिन इसे पहनने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता है.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मध्यप्रदेश के दमोह जिले में एक स्कूल द्वारा हिंदू और अन्य गैर मुस्लिम बच्चियों को स्कूल यूनीफॉर्म के नाम पर जबरन बुर्का व हिजाब पहनाये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है. इसका संज्ञान लिया जा रहा है एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु जिलाधिकारी दमोह व पुलिस अधीक्षक दमोह को निर्देश प्रेषित किए जा रहे हैं.”उन्होंने आगे लिखा, ‘‘हिंदू और अन्य गैर मुस्लिम बच्चों को इस्लामिक प्रथाओं का अभ्यास करवाना भारत के संविधान के अनुच्छेद 28 का उल्लंघन है. नोटिस भेज रहे हैं जिलाधिकारी को.”

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