Mughal or British who first brought the culture of liquor to India


भारत में शराब का इतिहास काफी पुराना है और यह अलग-अलग संस्कृतियों और शासकों के प्रभाव से विकसित हुआ. जब हम बात करते हैं भारत में शराब के कल्चर की, तो अक्सर यह सवाल उठता है कि भारत में सबसे पहले शराब आई कहां से थी? क्या मुगल साम्राज्य या फिर ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत में शराब के सेवन को बढ़ावा दिया? क्या भारत में शराब को बढ़ावा मुगलों के समय दिया गया? या फिर यह अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान ज्यादा बढ़ी? चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कि भारत में शराब को बढ़ावा कैसे मिला.

भारत में शराब का इतिहास

भारत में शराब के उपयोग का इतिहास बहुत पुराना है. ऋग्वेद में मदिरा के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख किया गया है, जिसमें सोमा, सौवीर, और मदिरा प्रमुख हैं. प्राचीन भारत में शराब का सेवन धार्मिक अनुष्ठानों में खासतौर पर सोमा रस के रूप में देवताओं को अर्पित करने के लिए किया जाता था. हालांकि, उस समय शराब या मदिरा का सेवन सामान्य जनता में उतना प्रचलित नहीं था. भारतीय संस्कृति में शराब का सेवन मुख्य रूप से धार्मिक अनुष्ठानों और खास अवसरों तक सीमित था.

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मुगलों का भारत में आगमन और शराब

जब मुगल साम्राज्य भारत में स्थापित हुआ, तो शराब का सेवन एक बार फिर से शाही दरबारों में बढ़ गया. मुगलों के समय में शराब का सेवन सामाजिक स्थिति और शाही जीवनशैली का हिस्सा बन गया. महान शासक अकबर ने शराब से परहेज रखा था, लेकिन उनके दरबार में इसका सेवन सामान्य था. अकबर के दरबार में शराब एक सामाजिक और सांस्कृतिक प्रतीक बन चुकी थी.

जहांगीर, जो अकबर के बाद सम्राट बने शराब के शौकिन हुआ करते थे और उन्होंने शराब को अपनी दरबार संस्कृति का एक खास हिस्सा बना दिया. उनके शासनकाल में शराब का सेवन और भी बढ़ा और यह एक शाही लक्षण के रूप में देखा जाने लगा. उन्होंने मुगल दरबारों में शराब की खास किस्मों का सेवन शुरू किया और अपने राज्य में शराब के व्यापार को बढ़ावा दिया. इसके बाद शाहजहां के शासनकाल में भी शराब का सेवन शाही दरबार में प्रचलित था. इस समय तक भारत में शराब एक बड़े तबके के लोगों के घरों में रहने वाली चीज बन गई थी, जिसका सेवन केवल राजामहाराजाओं और अंग्रेजों जैसे उच्च वर्ग के लोग ही करते थे.

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अंग्रेजों के समय शराब को मिला बढ़ावा

ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत में शराब के सेवन को पूरी तरह से एक व्यवसाय के रूप में बदल दिया. अंग्रेजों के शासनकाल में शराब का सेवन बढ़, और यह सामान्य जनता में एक आम आदत बन गई. अंग्रेजों ने शराब को एक व्यापारिक साधन बना दिया, जिससे उन्हें राजस्व मिलता था. अंग्रेजों ने शराब के उत्पादन और वितरण पर कर लगाया और इसे एक प्रमुख व्यावसायिक गतिविधि बना दिया.

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