Mumbai-Ahmedabad Bullet Train: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर कहां तक पहुंचा काम? सरकार ने कही ये बात



bullet train 2024 11 ace8baf743e1c4c09baf5ebb0231e0c2 Mumbai-Ahmedabad Bullet Train: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर कहां तक पहुंचा काम? सरकार ने कही ये बात

Mumbai-Ahmedabad Bullet Train: अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन चलाने को लेकर तैयारियां जोरों-शोरों से जारी है. पहली बुलेट ट्रेन 2026 में चलाने की तैयारी चल रही है. इस प्रोजक्ट के तहत 13 नदियों और कई हाईवेज पर पुल बनाए जा रहे हैं. इसमें कई रेलवे लाइनों को 7 स्टील और प्रीस्ट्रेस्ड कंक्रीट पुलों के जरिए पार किया जाएगा. यह जानकारी भारतीय रेलवे की ओर से ईयर एंड रिव्यू में दी गई.

रिव्यू के मुताबिक, प्रोजेक्ट के अंतर्गत 243 किलोमीटर से ज्यादा पुल निर्माण का काम पूरा हो चुका है, साथ ही 352 किलोमीटर पियर कार्य और 362 किलोमीटर पियर नींव का कार्य भी पूरा हो चुका है.

तेजी से चल रहा है गुजरात में ट्रैक निर्माण का काम 
गुजरात में ट्रैक निर्माण का काम तेजी से चल रहा है, आनंद, वडोदरा, सूरत और नवसारी जिलों में आरसी ट्रैक बेड का निर्माण कार्य हो रहा है. लगभग 71 किलोमीटर आरसी ट्रैक बेड का निर्माण पूरा हो चुका है और वायडक्ट पर रेल की वेल्डिंग शुरू हो गई है.

BKC और शिल्पाता के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग पर काम
महाराष्ट्र में मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन के लिए पहला कंक्रीट बेस स्लैब 32 मीटर की गहराई पर सफलतापूर्वक डाला जा चुका है, जो 10 मंजिला इमारत के बराबर है. बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) और शिल्पाता के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग पर काम चल रहा है, जिसमें मुख्य सुरंग निर्माण की सुविधा के लिए 394 मीटर की इंटरमीडिएट सुरंग (ADIT) पूरी हो चुकी है.

कॉरिडोर पर 12 स्टेशन
पालघर जिले में न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का इस्तेमाल करके सात पर्वतीय सुरंगों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. गुजरात में एकमात्र पर्वतीय सुरंग पहले ही सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है. रिव्यू में कहा गया है कि इस कॉरिडोर पर 12 स्टेशन हैं, जिन्हें थीम आधारित एलीमेंट्स और ऊर्जा-कुशल सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है और इनका निर्माण चल रहा है.  ये यूजर फ्रेंडली और ऊर्जा-सकारात्मक स्टेशन विश्व स्तरीय यात्री अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किए गए हैं, साथ ही इनमें सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता भी दी गई है.

2030 तक नेट जीरो कार्बन का लक्ष्य
इसके अलावा रेलवे द्वारा 2030 तक नेट जीरो कार्बन का लक्ष्य रखा गया है. रिव्यू में कहा गया है कि नवंबर 2024 तक लगभग 487 मेगावाट सौर संयंत्र और लगभग 103 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्र चालू हो चुके हैं.

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