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मेरा फेवरेट... सुनील गावस्कर ने शेयर की 'सचिन' नाम के रेलवे स्टेशन की तस्वीर, हैरान हुए फैंस, पोस्ट वायरल

मेरा फेवरेट… सुनील गावस्कर ने शेयर की ‘सचिन’ नाम के रेलवे स्टेशन की तस्वीर

भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने हाल ही में गुजरात (Gujarat) के सूरत (Surat) के पास सचिन रेलवे स्टेशन (Sachin Railway Station) पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है. सुनील गावस्कर ने कहा कि वह अपने “पसंदीदा व्यक्ति” के नाम पर एक स्टेशन का नाम देखकर बहुत खुश हुए. तस्वीर शेयर करते हुए गावस्कर ने कैप्शन में लिखा, ‘पिछली सदी के उन लोगों की यह कैसी दूरदर्शिता थी कि उन्होंने सूरत के पास एक रेलवे स्टेशन का नाम हमारे खेल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक और मेरे पसंदीदा क्रिकेटर लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण मेरे पसंदीदा व्यक्ति के नाम पर रखा.’

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शेयर किए जाने के बाद से, उनकी पोस्ट को 56 हजार से अधिक लाइक और ढेरों कमेंट्स मिले हैं. एक यूजर ने कहा, “मैं वहीं का रहने वाला हूं सर… यह ‘राज’ काल की सबसे पुरानी रियासतों में से एक है.” एक अन्य ने कहा, “सर मैं सचिन में ही रहता हूं जो सूरत में है. आपकी कितनी अच्छी तस्वीर है.”

एक यूजर ने कमेंट किया, “महान… उच्च सम्मान वाले व्यक्ति. आप दोनों हैं सर..” एक यूजर ने कहा, “क्रिकेट के भगवान.”

सचिन रेलवे स्टेशन गुजरात के सूरत में स्थित एक छोटा रेलवे स्टेशन है. यह मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर और दिल्ली को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग पर स्थित है और स्टेशन पर तीन प्लेटफार्म हैं.

1983 में भारत की पहली विश्व कप विजेता टीम के एक प्रतिष्ठित सदस्य, गावस्कर के नाम एक समय टेस्ट में सर्वाधिक शतक बनाने का रिकॉर्ड था. रेड-बॉल क्रिकेट में 10,000 से अधिक रन बनाने वाले मुंबईकर ने 45 अर्धशतक और 34 शतक के साथ अपने करियर का अंत किया.

सनी उपनाम वाले इस क्रिकेटर ने काफी लंबे समय तक सर्वाधिक टेस्ट शतकों का अपना रिकॉर्ड कायम रखा. गावस्कर ने 125 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 34 शतक बनाये. कई लोगों को यह रिकॉर्ड तब तक अकल्पनीय लग रहा था जब तक कि 2005 में ‘मास्टर ब्लास्टर’ सचिन तेंदुलकर ने इसे बौना नहीं बना दिया.

‘लिटिल मास्टर’ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 27 टेस्ट मैचों में 13 शतक लगाए. जैसा कि इतिहास गवाह है, कैरेबियाई टीम 70 और 80 के दशक में एक मजबूत रेड-बॉल टीम थी, लेकिन जहां ज्यादातर बल्लेबाज असफल होते थे या टिके नहीं रहते थे, गावस्कर ने जीत हासिल की और दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी के मील के पत्थर को पार करते हुए आगे बढ़े.





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