NASA and SpaceX are working together to bring back Sunita Williams and Vooch Wilmore know from where these astronauts get oxygen


नासा की अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर अभी भी स्पेस में फंसे हुए हैं. बता दें कि भारतीय मूल की अंतरिक्षयात्री सुनीता और उनके साथी को स्पेस में फंसे हुए 200 से अधिक दिनों का समय हो चुका है. लेकिन अब एक अच्छी खबर आई है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर अतंरिक्ष एजेंसी नासा ने एलन मस्क के स्पेसएक्स के साथ इसको लेकर प्लान बना रही है. लेकिन क्या आपके दिमाग में कभी ये सवाल आता है कि स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स को ऑक्सीजन कहां से मिलता है? आज हम आपको इसका जवाब देंगे.

कैसे होगी सुनीता विलियम्स की वापसी?

अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथ वुच विल्मोर बीते साल जून 2024 में स्पेस में गए थे. लेकिन बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में तकनीकी खराबी के चलते दोनों अंतरिक्ष यात्री बीते साल से ISS पर फंसे हैं. लेकिन अब उम्मीद है कि जल्द ही सुनीता विलियम्स और उनके साथी की वापसी हो सकती है. 

डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क से की बात

द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क से दोनों नासा अंतरिक्षयात्रियों को आईएसएस से वापस लाने के लिए कहा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैंने एलन मस्क और स्पेसएक्स से दोनों बहादुर अंतरिक्षयात्रियों की वापसी के लिए कहा है, जिन्हें बाइडन प्रशासन ने अंतरिक्ष में अपने हाल पर छोड़ दिया है. वे स्पेस स्टेशन पर कई महीनों से इंतजार कर रहे हैं. एलन जल्द ही इसके लिए अपने रास्ते पर होंगे और उम्मीद है कि सब सुरक्षित रहेंगे.

स्पेस में कहां से आता है ऑक्सीजन

अब सवाल ये है कि इतने महीनों से सुनीता विलियम्स और उनके साथी स्पेस में फंसे हुए हैं, तो उन्हें ऑक्सीजन कहां से मिलता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. दरअसल अंतरिक्ष यात्रियों के लिए डिजाइन किए गए स्पेसक्राफ्ट में ऑक्सीजन की व्यवस्था की जाती है. इसलिए जब तक वे स्पेसक्राफ्ट में रहते हैं, उन्हें सांस लेने के लिए अलग से ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं लेना होता है.

स्पेसवॉक के लिए स्पेशल स्पेससूट 

लेकिन जब अंतरिक्षयात्री स्पेस से बाहर स्पेसवॉक पर जाते हैं, तो उन्हें अलग सिलेंडर लेकर जाना होता है. वहीं अंतरिक्ष यात्रियों को जब भी स्पेस वॉक करना होता है, तो उनके लिए विशेष तरह का स्पेससूट बनाया जाता है, जिसमें ऑक्सीजन की व्यवस्था होती है. इस स्पेस शूट में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन दो तरह के सिलेंडर होते हैं.  

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