National Sports Day 2024 Hitler had given this offer to hockey magician Major Dhyanchand but he had clearly refused


National Sports Day 2024: हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये दिन हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है. उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता था. उनकी हॉकी खेलने की कला का हर कोई दीवाना था. यहां तक कि जर्मन तानाशाह हिटलर भी इससे अछूता नहीं था. मेजर ध्यानचंद और हिटलर का एक किस्सा ऐसा रहा है कि आज भी लोगों को याद है.

हिटलर को कर दिया था इनकार

भारतीय हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के खेल का मुरीद आम से लेकर खास इंसान तक था. इसमें जर्मनी के तानाशाह हिटलर का नाम भी शामिल था. 1936 में बर्लिन ओलंपिक खेलों के दौरान हिटलर ने उन्हें जर्मनी सेना में सबसे ऊंचे पद पर प्रस्ताव दिया था. जिसे ठुकराते हुए ध्यानचंद ने कहा था उन्होंने भारत का नमक खाया है. देश से गद्दारी नहीं करेंगे. ये उनका जादू ही था कि वे भारत के पहले ग्लोबल स्पोर्ट्स स्टार साबित हुए.

कई खेलों में जीत की हासिल

उनके बारे में कई कहानियां मशहूर हैं. ध्यानचंद ने 1928 में एम्सटर्डम, 1932 में लॉस एंजेलिस और 1936 के बर्लिन ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया था. इन खेलों में उन्होंने देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था. इस दौरान क्रिकेट के लीजेंड डॉन ब्रैडमैन भी उनके खेल के मुरीद हो गए थे. साल 1935 में एडिलेड में दोनों की मुलाकात हुई थी. उस समय भारतीय हॉकी टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी. डॉन ब्रैडमैन ने ध्यानचंद के खेल को देखकर उनसे कहा था, आप तो क्रिकेट के रन की तरह गोल करते हैं.

14 साल की उम्र में शुरू की हॉकी

बता दें मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त, 1905 को इलाहाबाद में हुआ था. उनके पिता समेश्वर दत्त सिंह सेना में थे. वो सेना में ही हॉकी खेलते थे. तबादले के कारण वो झांसी आ गए. उस वक्त ध्यानचंद 6 साल के थे. उनकी पढ़ाईलिखाई झांसी में ही हुई. 14 साल की उम्र में पहली बार उन्होंने हॉकी स्टिक अपने हाथ में ली और हॉकी के प्रति उनकी दीवानगी यहीं से शुरू हो गई. अपने दोस्तों के साथ वह खूब हॉकी खेलते थे.                                                                      

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