Navratri 2024: शादी का मंडप छोड़ पेड़ के नीचे विराजमान हुई थी माता



चैत्र और शारदीय नवरात्रों में माता का विधि विधान से पूजन किया था है. इस मंदिर में कुवार नवरात्रि की पंचमी को प्रथम दिन मान कर नवरात्रि की शुरुआत की जाती है.



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