New Criminal Laws A person was arrested under section 420 of IPC on June 30 under which section will the hearing be held in July


New Criminal Laws: आज (1 जुलाई) से देश में तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं. ऐसे में आज से डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुरानी भारतीय दण्ड संहिता यानी आईपीसी समाप्त हो जाएगी. अब जो आरोपी 30 जून तक धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार हुआ है उसपर IPC की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या एक जून से उन आरोपियों पर किन धाराओं में केस चलेगा? चलिए जान लेते हैं.

धारा 420 में गिरफ्तार आरोपी पर अब इन धारा में चलेगा केस

आमतौर पर धोखाधड़ी करने वाले जालसाजों के लिए 420 शब्द का इस्तेमाल किया जाता रहा है और उनपर दफा 420 के तहत ही प्राथमिकी भी दर्ज की जाती रही है. लेकिन अब एक जुलाई से लागू होने जा रहे भारतीय न्याय सुरक्षा बीएसएन कानून में दफा 420 की जगह धारा 318 का इस्तेमाल होगा. इसके अलावा नए कानून में धारा 302 की जगह 103 लगाई जाएगी.  दरअसल आईपीसी और सीआरपीसी अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी. जहां अपराधियों की प्रवृत्ति में बदलाव हुआ है, वहीं सरकार को कानून में भी बदलाव की आवश्यकता महसूस हुई. लिहाजाा आज से ये कानून लागू हो जाएंगे.

ये भी होगा बदलाव

नए कानून के अनुसार, आपराधिक मामलों में सुनवाई समाप्त होने के 45 दिनों के अंदर फैसला आ जाएगा. इसके अलावा पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाएंगे. सभी राज्य सरकारों को गवाहों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित करने के लिए गवाह सुरक्षा योजनाएं लागू करना होगा. इसके अलावा लिंग की परिभाषा में अब ट्रांसजेंडर लोग भी शामिल होंगे, जो समानता को बढ़ावा देता है. साथ ही महिलाओं के खिलाफ कुछ अपराधों के लिए जब भी संभव हो, पीड़ित के बयान महिला मजिस्ट्रेट की ओर से ही दर्ज किए जाने का प्रावधान है. साथ ही अब गंभीर अपराधों के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों का घटनास्थल पर जाना और साक्ष्य एकत्र करना अनिवार्य होगा.

इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट की जा सकेगी, जिससे पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत खत्म हो जाएगी. साथ ही व्यक्ति FIR को अपने अधिकार क्षेत्र वाले थाने के बजाए किसी दूसरे थाने में भी दर्ज करा सकता है. वहीं आरोपी और पीड़ित दोनों को 14 दिनों के भीतर एफआईआर, पुलिस रिपोर्ट, चार्जशीट, बयान, इकबालिया बयान और अन्य दस्तावेजों की कॉपी लेने का अधिकार हैइसके अलावा भी आपको नए कानून में कई बदलाव देखने को मिलेंगे.

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