New education policy 2020: नई शिक्षा नीति 2020: जेएनयू में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी
New education policy 2020: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) नई शिक्षा नीति 2020 के तहत कई अहम बदलाव करने की तैयारी में है। इसके तहत चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने और ऑनलाइन परास्नातक कराने की योजना है।
इन बदलावों की संभावनाओं पर रायशुमारी के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इस संबंध के प्रस्तावों पर अकादमिक परिषद (एसी) की बैठक ने निर्णय लिया गया है। दरअसल, जेएनयू में गुरुवार को अकादमिक परिषद की 155वीं बैठक आयोजित की गई। इसमें नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। बैठक कई मुद्दों पर केंद्रित रही। इसमें वर्तमान में संचालित तीन वर्षीय बीए कार्यक्रमों को चार वर्षीय कार्यक्रम में बदलने की संभावना सहित चार वर्षीय नए स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने पर चर्चा हुई। साथ ही बिना प्रयोगशाला वाले परास्नातक पाठ्यक्रम ऑनलाइन उपलब्ध कराने, सामाजिक व आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग से आने वाले बच्चों को बेहतर अवसर देने वाली विश्वविद्यालय की नीति को और मजबूत करने, विदेशी छात्रों की सीटें बढ़ाने, छात्रों और शिक्षकों के बीच शोध व उद्यमशीलता को बढ़ाने पर चर्चा की गई है।
जेएनयू के रेक्टर 1 प्रो. चिंतामणि महापात्रा ने बताया कि बैठक में हुई चर्चा को नई शिक्षा नीति के तहत अंतिम रूप देने पर कमेटी अंतिम फैसला लेगी। कमेटी जेएनयू के विज्ञान, मानविकी व सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन के साथ ही सभी स्कूलों के प्रमुखों से इन बिंदुओं पर चर्चा के बाद रायशुमारी बनाएगी। इसके बाद इस संबंध के प्रस्ताव को अकादमिक परिषद में रखा जायगा।
जेएनयू में स्थापित होगा प्रणाली चिकित्सा के लिए विशेष केंद्र
जेएनयू प्रणाली चिकित्सा के लिए विशेष केंद्र ( स्पेशल सेंटर फॉर सिस्टम मेडिसिन) स्थापित करेगा। इस प्रस्ताव पर जेएनयू अकादमिक परिषद की बैठक में फैसला लिया गया है। जेएनयू के कुलपति प्रो. जगदीश कुमार ने कहा कि प्रस्तावित केंद्र भारतीय स्तर पर क्लीनिक व मॉलिक्युलर डाटा को विकसित करने के राष्ट्रीय हब के तौर पर काम करेगा। जो चिकित्सा प्रणाली के क्षेत्र के लिए लागू होगा।