New Parliament Building Inauguration Opposition Parties Boycotting Event NDA Hits Back BJD SAD Will Attend Inauguration 10 Highlights | नई संसद के उद्घाटन समारोह से विपक्ष ने किया बायकॉट का एलान तो NDA ने घेरा, सरकार को मिला पटनायक, रेड्डी और बादल का साथ
New Parliament Inauguration: संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर घमासान जारी है. बुधवार (24 मई) को 19 विपक्षी दलों ने समारोह का सामूहिक रूप से बहिष्कार (Boycott) करने का एलान किया है. सरकार ने विपक्ष के इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. इस बीच बीजू जनता दल (BJD) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) समेत कुछ अन्य पार्टियों ने इस मुद्दे पर राजनीति न करने की बात कहते हुए समारोह में जाने की घोषणा की है.
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 मई) को संसद के नए भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. उद्घाटन समारोह के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है. विपक्ष मांग कर रहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भवन का उद्घाटन कराया जाए.
2. विपक्ष के 19 दलों ने समारोह का बहिष्कार करने का बुधवार को एलान करते हुए संयुक्त बयान जारी किया. जिसमें विपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के तहत संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है और समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखने का अशोभनीय कृत्य सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है.
3. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने उद्घाटन समारोह का संयुक्त रूप से बहिष्कार करने की घोषणा की है.
4. समारोह का संयुक्त रूप से बहिष्कार करने वाले दलों में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कषगम (एमडीएमके) और राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल हैं. इनके अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की पार्टी बीआरएस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है. यूपी की पूर्व सीएम मायावती की बसपा ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है.
5. एनडीए ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के राजनीतिक दलों के निर्णय की निंदा की है. एनडीए ने बयान में कहा कि ये घोषणा केवल अपमानजनक नहीं है, ये हमारे महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है. एनडीए विपक्ष के निर्णय की स्पष्ट रूप से निंदा करते है.
6. विपक्ष के बहिष्कार के बीच उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बीजू जनता दल ने इस समारोह में हिस्सा लेने की घोषणा की है. बीजेडी ने कहा कि राष्ट्रपति देश की प्रमुख हैं और संसद 1.4 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करती है. दोनों संस्थान भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक हैं और भारत के संविधान से अपना अधिकार प्राप्त करते हैं. ये संवैधानिक संस्थाएं किसी भी मुद्दे से ऊपर होनी चाहिए. इस तरह के मुद्दों पर बाद में हमेशा बहस हो सकती है. इसलिए बीजेडी इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा होगी.
7. बीजेडी के अलावा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) भी समारोह में हिस्सा लेगी. पार्टी के नेता दलजीत सिंह चीमा ने बुधवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि देश को एक नया संसद भवन मिल रहा है और यह गर्व का क्षण है. हम नहीं चाहते कि इस समय कोई राजनीति हो. आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी भी उद्घाटन में भाग लेगी.
8. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि उद्घाटन के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है और वे अपने विवेक के अनुसार फैसला करेंगे. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत की ओर से भारत को सत्ता हस्तांतरित करने के प्रतीक स्वरूप प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को दिए गए ऐतिहासिक सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा. सेंगोल अभी इलाहाबाद के एक संग्रहालय में है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
9. गृह मंत्री ने कहा कि नया संसद भवन प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता का उदाहरण है. लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के पास सेंगोल को प्रमुखता से लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री संसद भवन के निर्माण में योगदान देने वाले 60,000 श्रम योगियों को सम्मानित भी करेंगे. गृह मंत्री ने कहा कि नया संसद भवन देश की विरासत और परंपराओं के साथ आधुनिकता को जोड़ने वाला नया भारत बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का प्रमाण है.
10. केंद्र सरकार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद का भी साथ मिला. उन्होंने कहा कि नए संसद के निर्माण का प्रस्ताव सबसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के समय में सामने आया था, लेकिन यह ठंडे बस्ते में चला गया. उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि यह काम अब पूरा हुआ है. जहां तक नया संसद भवन बनाने की बात है तो यह नई बात नहीं है यह 32 साल पहले कांग्रेस की ही सोच थी. संसद में बैठे लोगों को यह तय करना है कि वो भाग लेंगे या बहिष्कार करेंगे.
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