Nishikant Dubeys Letter To Speaker Mahua Moitra Took Bribe And Asked Questions In Parliament – TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने घूस लेकर लोकसभा में पूछे सवाल या बनीं कॉरपोरेट वॉर का मोहरा?



q2olj20g mahua Nishikant Dubeys Letter To Speaker Mahua Moitra Took Bribe And Asked Questions In Parliament - TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने घूस लेकर लोकसभा में पूछे सवाल या बनीं कॉरपोरेट वॉर का मोहरा?

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra)पर रिश्वत लेकर लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया है. दुबे ने आरोप लगाया है कि मोइत्रा ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछा और उन्हें फायदा पहुंचाने की कोशिश की. बीजेपी सांसद की तरफ से कहा गया है कि 2019-2023 के बीच पूछे 61 सवालों में 50 हीरानंदानी के लिए थे. कैश के बदले सवाल विशेषाधिकार हनन है. कैश के बदले सवाल IPC 120-A के तहत अपराध के तौर पर देखा जाता है. निशिकांत दुबे के द्वारा महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ जांच कमेटी बनाने की मांग की गई है और रिपोर्ट आने तक महुआ मोइत्रा को सस्पेंड करने की मांग भी बीजेपी सांसद के द्वारा की गई है. 

यह भी पढ़ें

महुआ मोइत्रा पर क्या-क्या हैं आरोप?

2021 में दर्शन हीरानंदानी ने महुआ को 2 करोड़ रुपए दिए थे. इंटरनेशनल मीडिया में अदाणी और पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए ये रुपये दिए गए. जुलाई 2019 में दर्शन के पीए ने महुआ के घर अदाणी के ख़िलाफ़ डोज़ियर पहुंचाया.अदाणी पर महुआ के आरोपों की झलक हिंडनबर्ग रिपोर्ट में भी दिखी. ये सवाल हीरानंदानी के हितों से जुड़े थे. 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी 75 लाख रुपए टीएमसी नेता को हीरानंदानी की तरफ से दिए गए. दर्शन हीरानंदानी ने महंगे iPhone भी उन्हें गिफ्ट में दिए थे. दर्शन ने महुआ को आवंटित सरकारी आवास की मरम्मत करवाई थी. महुआ ने दर्शन हीरानंदानी को लोकसभा अकाउंट का पासवर्ड दिया था.सवाल या तो दर्शन ने खुद पोस्ट किए, या दर्शन के कहने पर महुआ ने पोस्ट किए थे. 2019 से 2023 के बीच पूछे गए 61 में से 50 सवाल हीरानंदानी के कहने पर पूछे गए थे.

दर्शन हीरानंदानी कौन हैं?

दर्शन हीरानंदानी रियल एस्टेट के बड़े कारोबारी निरंजन हीरानंदानी के बेटे और रियल एस्टेट बिजनेस हीरानंदानी ग्रुप के होने वाले सीईओ हैं. एनर्जी, शिक्षा और हेल्थकेयर में भी इनके कारोबार हैं. नवंबर 2017: पैराडाइज पेपर में इनके ऊपर आरोप लगे थे. 2014 में अदाणी ग्रुप को मिले धामरी पोर्ट के लिए भी हीरानंदानी ग्रुप ने बोली लगाई थी. जनवरी 2023 में आयकर विभाग ने तलाशी ली थी. पैंडोरा पेपर्स में भी इस ग्रुप पर आरोप लगे थे. 

हीरानंदानी ने क्या कहा?

एनटीडीवी ने हीरानंदानी से भी इस मुद्दे पर बात कि तो उनके प्रवक्ता ने कहा कि ये आरोप गलत हैं. हम कारोबार करते हैं, राजनीति नहीं. हम देश की भलाई के लिए सरकार से मिलकर काम करते रहे हैं और करते रहेंगे.

अर्थशास्त्री विजय सरदाना ने क्या कहा?

अर्थशास्त्री विजय सरदाना ने कहा कि जब भी किसी एक कारोबारी के खिलाफ अभियान चलाया जाता है तो वो अभियान कहीं न कहीं से मोटिवेटेड होता है. आपने सदन में सवाल उठाया जवाब मिल गया तो मुद्दा वहीं खत्म हो जाना चाहिए. लेकिन अगर संसद के बाहर और अंदर किसी भी तरह का अभियान चलता है तो यह बात निश्चित है कि उसके पीछे कोई न कोई इंटरेस्ट है. नहीं तो कोई भी कैसे एक ही मुद्दे पर इतना मेहनत करेगा. समाज और राजनीति में बड़े-बड़े मुद्दे आए लेकिन 1,2,3 दिन बाद खत्म हो गए.  ये एक लॉजिक है जिसे हमें समझना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि व्यापार में प्रतियोगिता होती है लेकिन जिस तरह के एक सांसद ने गंभीर सवाल दूसरे सांसद पर उठाए हैं उसकी जरूर जांच होनी चाहिए. 

ये भी पढ़ें- 



Source link

x