Delhi University: पहल: डीयू से पीएचडी की डिग्री के लिए पेड़ लगाना अनिवार्य

Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस सत्र से पीएचडी में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए पेड़ लगाना अनिवार्य कर दिया है। पेड़ लगाने का प्रमाण और उसकी प्रगति की जानकारी छात्रों को अपने सुपरवाइजर को देनी होनी। यह जानकारी शनिवार को वाइस रीगल लॉज में आयोजित प्रेसवार्ता में कार्यवाहक कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने दी।

पेड़ लगाने की मुहिम :
प्रो. जोशी ने कहा कि मैं खुद चिपको आंदोलन से जुड़ा रहा हूं। स्नातक, परास्नातक और पीएचडी के छात्रों के लिए पेड़ लगाना अनिवार्य होगा। प्रति छात्र एक पेड़ लगाने की मुहिम शुरू की गई है जिसे सेंटर फॉर हिमालयन स्टडीज देखेगा। उन्होंने कहा कि स्नातक, परास्नातक के लिए पेड़ न लगाने वाले छात्रों को डिग्री न देने की बाध्यता नहीं है, लेकिन पीएचडी के छात्रों को यदि डिग्री चाहिए तो पेड़ लगाना अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेड़ों की जियो टैगिंग करानी होगी और इसकी रिपोर्ट सुपरवाइजर को देनी होगी।

प्रोत्साहित कर रहे :
उन्होंने कहा कि डीयू द्वारा बायोडायवर्सिटी पार्क बनाने से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काफी काम हुआ है। दिल्ली के छात्र यमुना क्षेत्र में या आरडब्ल्यूए के सहयोग से भी पेड़ लगा सकते हैं। वहीं, अन्य छात्र जो दिल्ली से बाहर के हैं वह अपने गांव या शहरों में पेड़ लगा सकते हैं। दुनिया में औसतन 422 पेड़ प्रति व्यक्ति हैं। हम छात्रों को उनके क्षेत्र विशेष के स्थानीय पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

रोजगार पैदा करने में मददगार :
उन्होंने कहा कि यदि किसी प्राकृतिक आपदा के कारण पेड़ नष्ट हो गया है तो उसकी जानकारी भी छात्र अपने सुपरवाइजर को देगा। उन्होंने स्नातक, परास्नातक, पीएचडी के छात्रों के लिए सेंटर फार हिमालयन स्टडीज के आए प्रस्ताव को लेकर एक समिति भी बनाई है। प्रो. जोशी ने कहा कि वृक्षारोपण और उसके बाद के रखरखाव से न केवल एक विविध स्तर पर रोजगार पैदा करने में एक बड़ी आपूर्ति शृंखला का निर्माण होगा, बल्कि कई मूल्यवान उत्पाद भी मिलेंगे जो एक विविध स्तर पर उपयुक्त आय प्रदान करेंगे।

भारत में प्रति व्यक्ति सिर्फ 28 पेड़ :
सेंटर फॉर हिमालयन स्टडीज के निदेशक और इस कार्यक्रम के सूत्रधार वनस्पतिशास्त्री प्रो. दीनबंधु साहू ने कहा कि आज हम एक बड़े बायोस्फीयर संकट का सामना कर रहे हैं और भारत में प्रति व्यक्ति केवल 28 पेड़ उपलब्ध हैं, जबकि वैश्विक औसत प्रति व्यक्ति 422 पेड़ है। देश के सात करोड़ छात्र मिलकर यदि पेड़ लगाएं तो यह पर्यावरण के लिए और आर्थिक स्तर पर भी बेहतरीन प्रयास होगा। हमें चुनौतियों से मिलकर लड़ने और भविष्य की समस्याओं से निपटने के लिए स्वयं को तैयार करने की जरूरत है।

जलवायु योद्धा कहलाएंगे छात्र:
प्रो. जोशी ने कहा किपेड़ लगाने वाले छात्रों को जलवायु योद्धा कहा जाएगा और उनको प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। हमारी कोशिश है कि इनको पाठक्रम में क्रेडिट देने का भी प्रावधान हो। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति मात्र 28 पेड़ का औसत आंकड़ा है, जबकि दुनिया के अन्य देशों में यह काफी अधिक है। प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण हमारे देश की संस्कृति में है।

देश प्रति व्यक्ति पेड़
कनाडा 8,953

ग्रीन लैंड 4964
रूस 4461

अर्जेंटाइना 3266
यूएसए 716

चीन 130
भारत 28

ब्राजील 1494
जापान 146

x