North Korea Kim Jong Un Drink More Alcohol Having Diseases Of Insomnia Serious Condition According To South Korea Report


Kim Jong Un: ब्लूमबर्ग के अनुसार साउथ कोरिया (south korea) की जासूसी एजेंसी ने बुधवार (31 मई) को कहा कि नॉथ कोरिया के नेता किम जोंग उन (Kim Jong Un) नींद की बीमारी से पीड़ित हैं. ये उनके ज्यादा शराब के सेवन की वजह से हुआ है. इसकी वजह से वो निकोटीन के आदी हो चुके हैं.

राष्ट्रीय खुफिया सेवा (NIS) का हवाला देते हुए आउटलेट ने बताया कि नॉथ कोरियाई (North Korea) तानाशाह नींद की कमी से जूझ रहे हैं. किम जोंग उन की बीमारी की वजह से उनके अधिकारी लगातार विदेशी इलाज की जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं, जिसका इस्तेमाल किम जोंग को ठीक करने में कर सकें. वो तरह-तरह की दवाई की जानकारियां भी जुटा रहे हैं. उनके दवाओं की लिस्ट में ज़ोलपिडेम भी शामिल है. ज़ोलपिडेम का इस्तेमाल नींद की कमी वाले बीमारी में किया जाता है.

बड़ी संख्या में विदेशी सिगरेट का आयात
साउथ कोरिया की सत्तारूढ़ पीपल पावर पार्टी के सांसद और संसदीय खुफिया समिति के कार्यकारी सचिव यू सांग-बम ने पत्रकारों के साथ NIS ब्रीफिंग की जानकारी शेयर की. उन्होंने कहा कि नॉथ कोरिया ने हाल ही में मार्लबोरो और डनहिल सहित ब्रांडों से बड़ी संख्या में विदेशी सिगरेट का आयात किया है. इसके अलावा पारंपरिक रूप से शराब के साथ परोसे जाने वाले हाई-एंड स्नैक्स को भी शामिल किए गए थे.

इसके अलावा हाल की तस्वीरों के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विश्लेषण का हवाला देते हुए यू सांग-बम ने कहा कि ऐसा लगता है कि किम का वजन भी बढ़ गया है. उनके अनुसार नॉर्थ कोरियाई नेता का वजन 140 किलो से ज्यादा हो चुका है.

नॉर्थ कोरिया में अनाज की कमी

न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार यू ने कहा कि किम शराब और धूम्रपान पर निर्भर रहने के आदी हो चुके हैं. इसकी वजह से नींद की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं. खुफिया समिति के सदस्य ने कहा कि किम जोंग उन 16 मई को एक सार्वजनिक उपस्थिति के दौरान देखें गए, जहां उनके आंखों के चारों तरफ काले घेरे के निशान देखे गए. वो बहुत थके हुए लग रहे थे.

 

यू ने यह भी कहा कि किम के सत्ता में आने के बाद से नॉर्थ कोरियाई लोगों की दुर्दशा हो रही है. देश में भोजन की कमी हो गई है. अनाज की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है. साउथ कोरियाई अधिकारी ने कहा कि राष्ट्र में अपराध, आत्महत्या और भुखमरी से होने वाली मौतों में भी बढ़ोतरी हुई है.

 



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