Now Guruji will not call the children, “donkey or owl”. Even weak students will become monitors. Education Department issued new instructions


पटना:- बिहार के सरकारी स्कूलों में अब छात्रों के नामों को बिगाड़ना और उन्हें अजीब उपनामों से बुलाना बंद हो जाएगा. शिक्षा विभाग ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए नए निर्देश जारी किए हैं. अब स्कूलों में ‘कल्लू’, ‘गधा’, ‘ऊंट’ जैसे उपनामों का चलन खत्म किया जा रहा है. विभाग का कहना है कि छात्रों के नामों का सही सम्मान होना चाहिए और किसी भी तरह का मजाक उनके आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचा सकता है.


अब ‘अमन’ सिर्फ अमन रहेगा, अमनवा’ नहीं!

स्कूलों में यह देखा गया है कि कुछ शिक्षक और छात्र मिलकर बच्चों के नामों को मजाक में बदल देते हैं. पढ़ाई में कमजोर होने पर ‘गधा’, सांवले रंग पर ‘कल्लू’ और छोटे कद वाले को ‘भाटा’ कहा जाता है. लेकिन अब इस पर रोक लगाई गई है. अब कोई अमन को अमनवा’ कहेगा, तो समझ लो मामला सीरियस हो गया है. शिक्षा विभाग ने कहा है कि बच्चों के नामों को बिगाड़कर या गलत उपनामों से बुलाना बंद किया जाए, ताकि बच्चों का आत्म-सम्मान सुरक्षित रहे.

मजे की बात ये है कि अब पीटीएम (पैरेंट-टीचर मीटिंग) में सिर्फ बच्चों की क्लास नहीं लगेगी, बल्कि बच्चे भी अपने टीचर्स की खूबियों और खामियों का बखान करेंगे. बच्चे बताएंगे कि कौन टीचर हर पीरियड में ‘बोरिंग’ और कौन ‘फन वाला’ है और प्रधानाध्यापक साहब उस फीडबैक से स्कूल की व्यवस्था सुधारेंगे.

ये भी पढ़ें:- Bihar Teacher Transfer Policy: ‘खोदा पहाड़, निकला नाग’…बिहार टीचर ट्रांसफर की नई नीति पर छिड़ा बवाल, शिक्षक संगठनों ने दिया अल्टीमेटम

कमजोर छात्रों को भी मिलेगा मॉनिटर बनने का मौका
शिक्षा विभाग ने मॉनिटर प्रणाली में भी बदलाव किया है. अब सिर्फ तेज तर्रार छात्रों को ही नहीं, बल्कि पढ़ाई में कमजोर बच्चों को भी मॉनिटर बनने का मौका मिलेगा, यानी ‘आज तू मॉनिटर, कल मैं मॉनिटर!’ ये रोटेशन सिस्टम अपनाया जाएगा, ताकि हर महीने कोई नया ‘मॉनिटर’ बने. मॉनिटर का काम थोड़ा सिर दर्दी वाला रहेगा, क्योंकि उसे उन बच्चों को समझाना होगा, जो स्कूल छोड़कर घर भागने की फिराक में होते हैं. यानी कि मॉनिटर का काम होगा कि वह स्कूल न आने वाले छात्रों को प्रेरित करे और स्कूल की अनुशासन व्यवस्था में मदद करे. अब देखते हैं, इन नए नियमों से स्कूलों का क्या माहौल बनता है. लेकिन इतना पक्का है कि स्कूलों में बच्चों के चेहरे पर ‘स्माइल’ थोड़ी और चौड़ी हो जाएगी.

Tags: Bihar education, Bihar News, Local18, PATNA NEWS



Source link

x