Now people will be able to make a will regarding their treatment know what are the rules and regulations for this


हम सभी अपने जीवन में किसी न किसी बीमारी से गुजरते हैं. कई बार ऐसी स्थितियां तक आ जाती हैं जब हम अपनी देखभाल खुद नहीं कर पाते. ऐसे में हमारी इच्छा होती है कि हमारे इलाज के फैसले हमारे परिवार या डॉक्टरों के हाथों में न रहकर हम स्वयं लें. अब यह संभव हो गया है. आप अपनी बीमारी के दौरान किस तरह का इलाज करवाना चाहते हैं, इसके बारे में पहले से ही एक वसीयत बना सकते हैं. इसे मेडिकल वसीयत या एडवांस डायरेक्टिव भी कहा जाता है.

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क्या है मेडिकल वसीयत?

मेडिकल वसीयत एक कानूनी दस्तावेज है जिसमें आप अपनी बीमारी के दौरान किस तरह का इलाज करवाना चाहते हैं, इसकी जानकारी दी जाती है. इसमें आप यह भी बता सकते हैं कि अगर आप कोमा में चले जाएं या आपकी स्थिति गंभीर हो जाए तो आपको सपोर्ट सिस्टम से हटाया जाए या नहीं.

क्यों बनानी चाहिए मेडकल वसीयत?

अब सवाल ये उठता है कि आखिर मेडकल वसीयत क्यों बनानी चाहिए? तो बता दें कि मेडिकल वसीयत बनाने से आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी बीमारी के दौरान आपके इलाज के फैसले आपके अनुसार ही लिए जाएंगे. इसके अलावा मेडिकल वसीयत होने से आपके परिवार को कठिन निर्णय लेने से बचाया जा सकता है. साथ ही मेडिकल वसीयत बनाने से आपको मानसिक शांति मिलती है क्योंकि आप जानते हैं कि आपकी इच्छा का सम्मान किया जाएगा.

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मेडिकल वसीयत में क्याक्या होता है शामिल?

मेडिकल वसीयत में आप किस तरह का इलाज करवाना चाहते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर करता है. आप सपोर्ट सिस्टम से हटाए जाने का फैसला भी ले सकते हैं. इसके सात ही आप एक नॉमिनी चुन सकते हैं जो आपकी ओर से निर्णय ले सके अगर आप स्वयं निर्णय लेने में असमर्थ हों और आप अपने इलाज के लिए एक डॉक्टर भी चुन सकते हैं.

कैसे बनाई जाती है मेडिकल वसीयत?

मेडिकल वसीयत बनाना बहुत कठिन नहीं है. आप एक वकील की मदद से या फिर ऑनलाइन भी मेडिकल वसीयत बना सकते हैं. मेडिकल वसीयत को दो गवाहों के सामने साइन करना होता है.

हालांकि भारत में मेडिकल वसीयत को लेकर अभी तक कोई एकरूपता नहीं है. अलगअलग राज्यों में अलगअलग कानून हैं. वहीं कई राज्यों में मेडिकल वसीयत को मान्यता दी जा रही है.

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