Odisha Coromandel Express Train Accident Victims Of The Tragedy Admited In Hospitals Rescue Oprations Latest Photos – कफन में लिपटे शवों का ढेर, गैलरी में हो रहा घायलों का इलाज; तस्वीरों में देखें ट्रेन हादसे के बाद का मंजर
पीएम मोदी वायुसेना के हेलिकॉप्टर से भुवनेश्वर से लगभग 170 किलोमीटर उत्तर में बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर घटना स्थल के पास उतरे. उन्होंने बालासोर जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की. पीएम मोदी ने कहा कि इस हादसे के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसे नहीं बख्शा जाएगा.
NDRF की तीन और फायर सर्विस एंड रेस्क्यू की 20 टीमें घटनास्थल पर हैं. इनमें 1200 बचावकर्मी हैं. हादसे के बाद घटनास्थल पर 115 एंबुलेस, 50 बसें और 45 मोबाइल हेल्थ यूनिट्स तैनात की गई थीं. NDRF और एयरफोर्स ने रेस्क्यू के लिए हेलिकॉप्टर भेजे. भुवनेश्वर, कोलकाता से भी रेस्क्यू टीमें पहुंचीं.
चिकित्सा कर्मचारियों को घायल यात्रियों की मदद करने की कोशिश करते देखा गया, जिनमें से कई ओडिशा के अलावा अन्य राज्यों से हैं और बात करने की स्थिति में नहीं हैं. शनिवार दोपहर तक करीब 526 घायलों को बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
हादसे में सुरक्षित बचे 1000 पैसेंजर्स को विश्वेसरैया-हावड़ा एक्सप्रेस से हावड़ा रवाना कर दिया गया है. बालासोर से आने वाली एक स्पेशल ट्रेन से घटनास्थल पर फंसे 200 पैसेंजर्स को खाना और राहत सामग्री देकर भेजा गया. NDRF की तीन टीमें और 20 से ज्यादा फायर सर्विस एंड रेस्क्यू टीमें घटनास्थल पर हैं. इनमें 1200 बचाव कर्मी मौजूद हैं.
2000 से ज्यादा लोग रातभर बालासोर मेडिकल कॉलेज के बाहर खड़े रहे, ताकि घायलों को मदद पहुंचा सकें.कई लोगों ने खून डोनेट किया. सेना की पूर्वी कमान से चिकित्सा और इंजीनियरिंग टीमों को एंबुलेंस और मेडिकल एड के साथ बालासोर में तैनात किया गया है.
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि हादसे के शिकार हुए कई लोगों के रिश्तेदार अभी तक शहर नहीं पहुंच पाए हैं, क्योंकि प्रमुख रेल मार्ग पर दुर्घटना के कारण कई ट्रेन को रद्द कर दिया गया है, कई के मार्ग में परिवर्तन किया गया है और कई ट्रेन देरी से चल रही हैं.
बालासोर जिला मुख्यालय अस्पताल में अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी (एडीएमओ) डॉ. मृत्युंजय मिश्रा ने कहा, ‘‘मैं कई दशकों से इस पेशे में है, लेकिन मैंने अपने पूरे करियर में इस प्रकार की अफरा-तफरी की स्थिति नहीं देखी… अचानक 251 घायलों को हमारे अस्पताल लाया गया और हम इसके लिए कतई तैयार नहीं थे. हमारे कर्मियों ने रातभर काम किया और सभी को प्राथमिक उपचार मुहैया कराया.”
उन्होंने बताया कि इनमें से 64 मरीजों को कटक स्थित एससीबी चिकित्सकीय महाविद्यालय अस्पताल रेफर किया गया और अब ‘‘हमारे अस्पताल में 60 बिस्तरों पर मरीज हैं. अन्य को मामूली ऑपरेशन के बाद छुट्टी दे दी गई.” मिश्रा ने कहा, ‘‘हम यह देखकर वाकई हैरान है कि बड़ी संख्या में युवा रक्तदान करने यहां पहुंचे. हमने रातभर में करीब 500 यूनिट रक्त एकत्र किया। सभी का शुक्रिया. यह जीवन में एक बार होने वाला अनुभव है. अब चीजें सामान्य हैं.”
अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग स्वेच्छा से यहां और कई अन्य अस्पतालों में रक्तदान कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि दो हजार से अधिक लोग घायलों की मदद करने के लिए रात में बालासोर चिकित्सकीय महाविद्यालय एवं अस्पताल पहुंचे और कई ने रक्तदान भी किया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को बताया कि राहत अभियान में मदद के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर के चिकित्सकों को बालासोर और कटक रवाना किया गया है.
मांडविया ने कहा, “हम कीमती जिंदगियों को बचाने के लिए इस भीषण रेल दुर्घटना के पीड़ितों को सभी आवश्यक सहायता और चिकित्सकीय मदद मुहैया करा रहे हैं.”