Odisha Train Accident: AAP MP Sanjay Singh Attacked The Center, Said – Came To Know Who Hatched The Conspiracy


Delhi News: ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट पांच दिन पहले हुआ था, लेकिन इसको लेकर सियासी विवाद पहले से ज्यादा तेज हो गया है. बालासोर में भयानक ट्रेन हादसे के बाद अब इस मसले पर सियासी रोटी सेंकने का काम अलग-अलग दलों के नेताओं द्वारा जारी है. सवाल उठाए जा रहे हैं कि इसके लिए जिम्मेदार कौन, रेल मंत्री या केंद्र सरकार. अभी तक क्यों नहीं दे रहे इस्तीफा. इसी क्रम में अब आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने इस हादसे को लेकर केंद्र को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर पूछा है कि पता चल गया- साजिश किसने रची?

आप नेता संजय सिंह ने अपने लेटेस्ट ट्वीट में केंद्र से पूछा है कि पता चल गया- साजिश किसने रची? तीन महीने पहले ही रेलवे के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर ने बता दिया था इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम खराब है. बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इसके बावजूद मोदी सरकार क्यों नही जागी? मतलब साफ है, साजिशकर्ता मोदी सरकार है. सब कुछ सामने आ गया है. ऐसे में अब पीएम मोदी का इस्तीफा बनता है. 

3 महीने पहले मिली थी चेतावनी 

बता दें कि ओडिशा के  बालासोर रेल हादसे (Odisha Train Accident) के बाद दक्षिण पश्चिम रेलवे का एक लेटर सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तथाकथित लेटर में इस बात का जिक्र है कि रेलवे जोन के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर ने इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में खामियों के बारे में तीन महीने पहले ही चेतावनी दी थी. रेलवे के उस अफसर ने 9 फरवरी 2023 में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के फेल होने के बारे में चिंता जताई थी. रेलवे बोर्ड को लिखे लेटर में कहा गया था कि अगर इस सिस्टम को नहीं सुधारा गया तो गंभीर हादसे हो सकते हैं. मैनेजर ने सिस्टम की कमियों को दुरुस्त करने को कहा था. साथ ही मामले की सिस्टम में कमियों की व्यापक जांच कर उसकी रिपोर्ट सभी स्टेशन मास्टर्स, TI और ट्रैफिक ऑफिसर के साथ साझा करने का सुझाव दिया था. 

सूझबूझ की वजह से 8 फरवरी को टल गया था हादसा

साउथ वेस्ट रेलवे के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर ने 9 फरवरी को एक एक्सप्रेस ट्रेन के सिग्नल फेल होने की चिंता जताई थी. एक दिन पहले यानी 8 फरवरी के दिन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के लोको पायलट की सतर्कता की वजह से ट्रेन एक हादसे का शिकार होने से बच गई. मैनेजर ने बताया कि 8 फरवरी की घटना ने इंटरलॉकिंग सिस्टम में कई खामियों के संकेत मिले थे. उस समय बताया गया था कि ट्रेन का डिस्पैच रूट ट्रेन के चलने के सिग्नल पर चलने बाद डिस्प्ले होता है. ये इंटरलॉकिंग के तय प्रिंसिपल का उल्लंघन है.

‘इंटरलॉकिंग सिस्टम में कमी ही हादसे की मूल वजह’

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी ओडिशा के बालासोर रेल हादसे के पीछे ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम’ को ही जिम्मेदार माना है. फिलहाल, कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से कैसे उतरी, इसको लेकर जांच जारी है. जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि हादसे की मूल वजह क्या है, लेकिन साउथ वेस्ट रेलवे के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर का लेटर सिस्टम में खामियों और जिम्मेदार लोगों पर कई सवाल खड़ा करता है.

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