Odisha Train Accident BJP Says Stop Politicising Balasore Tragedy On Railway Minister Resignation Demands CBI Probe Recommended | Odisha Train Accident: ‘किसी चीज को हल्केपन में न लें’, विपक्षी दलों को धर्मेंद्र प्रधान ने दी नसीहत, कहा


Coromandel Train Accident: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार (2 जून) को हुए रेल हादसे को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर भारतीय रेलवे को लेकर लापरवाही बरतने और उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी भी रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर चुकी हैं. वहीं, बीजेपी ने पलटवार में कहा है कि यह राजनीति करने का समय नहीं है.  

बालासोर रेल हादसे को लेकर विपक्षी दलों की ओर से केंद्र को घेरे जाने से संबंधित मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार (4 जून) को कहा, ”रेल मंत्री (अश्विनी वैष्णव) ने हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है. मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, यह राजनीति करने की घड़ी नहीं है, राजनीति करने के लिए लंबा समय आगे भी है, वो कर भी सकते हैं, सब जवाबदेह लोग राजनीति न करते हुए, परिस्थिति को संभालते हुए अपनी जवाबदेही निभाएं. यही मैं सबको निवेदन करूंगा.”

रेल कवच को लेकर पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”मैं टेक्निकल व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन इस सारे विषय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए किसी चीज को हल्केपन में नहीं लेना चाहिए, हम तो नहीं लेते हैं.”

‘हम जिम्मेदारी लेने वाले लोग हैं’

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ”कल जब स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए और ये वचन देश के सामने देकर गए कि मैं बहुत आहत हूं व्यक्तिगत रूप में. कई राज्यों के लोग उसमें पीड़ित हैं. उन्होंने जिम्मेदारी निभाते हुए आश्वस्त किया कि हम किसी को भी छोड़ेंगे नहीं, हम जिम्मेदारी लेते हैं और हम जिम्मेदारी लेने वाले लोग है. इस विषय की गंभीरता को हमको समझना चाहिए.”

अमित मालवीय ने साधा निशाना

इससे पहले बीजेपी आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कई ट्वीट कर रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्षी नेताओं को घेरा. एक ट्वीट में मालवीय ने कहा, ”दुर्भाग्यपूर्ण बालासोर त्रासदी का राजनीतिकरण करना बंद करें, क्योंकि यूपीए के तहत रेल मंत्रियों का ट्रैक रिकॉर्ड, हल्के ढंग से कहें तो आपदा से कम नहीं था. विडंबना यह है कि ये ‘योग्य’ वही हैं जो साढ़े सात दशकों में भारत के सबसे योग्य रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.” इसी के साथ अमित मालवीय ने ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान हुए हादसों के आंकड़े भी शेयर किए. 

एक ताजा ट्वीट में मालवीय ने बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल के गिरने का वीडियो शेयर किया और नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, ”आज बिहार में भागलपुर के सुल्तानगंज और खगड़िया के बीच गंगा नदी पर बन रहा पुल भरभरा कर गिर गया. 2015 में नीतीश कुमार ने इस पुल का उद्घाटन किया था, जिसका निर्माण 2020 तक पूरा होना था. ये पुल दूसरी बार गिरा है. क्या नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव इस घटना का संज्ञान लेते हुए तुरंत इस्तीफा देंगे? ऐसा करके दोनों चाचा-भतीजा देश के सामने एक मिसाल कायम कर सकते हैं.”

ओडिशा रेल हादसे को लेकर कांग्रेस का केंद्र पर वार

कांग्रेस की ओर सांसद शक्तिसिंह गोहिल और एआईसीसी के प्रचार और मीडिया विभाग प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि ओडिशा रेल हादसा एक मानवनिर्मित त्रासदी है, जो घोर लापरवाही, प्रणाली में गंभीर कमियों, अक्षमता और मोदी (के नेतृत्व वाली) सरकार की ‘सब कुछ पता होने’ की अहंकारी आत्ममुग्धता का नतीजा है. खेड़ा ने कहा कि दोषियों को सजा देने की घोषणा करने करने वाले प्रधानमंत्री मोदी को इसकी शुरुआत रेल मंत्री से करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ”हम स्पष्ट रूप से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग करते हैं. इससे कम कुछ नहीं.’’

इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि रेलवे की सुरक्षा से प्रधानमंत्री और रेल मंत्री के प्रचार पाने की मुहिम की वजह से समझौता किया गया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘याद कीजिए कि लाल बहादुर शास्त्री ने नवंबर 1956 की अरियालुर रेल दुर्घटना के बाद इस्तीफा दे दिया था और नीतीश कुमार ने भी अगस्त 1999 की गैसल ट्रेन हादसे के बाद ऐसा किया था.’’ 

ओडिशा रेल हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या पहले 288 बताई गई थी लेकिन रविवार को ओडिशा के मुख्य सचिव ने आंकड़े के संशोधित होने की बात कही. उन्होंने कहा कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों ने जान गंवाई है.

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