Odisha Train Accident Indian Railway Using Artificial Intelligence Identify Bodies
Odisha Train Accident: ओडिशा रेल एक्सीडेंट में मृतकों की संख्या 288 पहुंच गई है, लेकिन इसमें से 83 शवों की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है. इसी बीच न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारतीय रेलवे जान गंवाने वालों की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) से चलने वाली वेबसाइट और सिम कार्ड ट्रायंगुलेशन (SIM card triangulation) का इस्तेमाल कर रही है.
रेलवे ने बताया कि भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र (UIDAI) की टीम को दुर्घटनास्थल पर फिंगर प्रिंट एकत्र करने के लिए बुलाया गया था ताकि मृतकों की पहचान हो सके. ये काम नहीं कर पा रहा क्योंकि ज्यादातर मामलों में उंगलियों का मांस खराब हो गया है. इस कारण फिंगर प्रिंट लेने में परेशानी हो रही है, दरअसल बालासोर में शुक्रवार (2 जून) को तीन ट्रेन हादसे का शिकार हुई थीं. इसमें हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस और स्टेशन पर खड़ी हुई माल गाड़ी थी.
एक्सीडेंट कैसे हुआ?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार (2 जून) शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी.
ओडिशा सरकार ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना के हवाले से बताया कि मंगलवार (6 जून) को सभी अज्ञात शवों को पहचान के लिए भुवनेश्वर के एम्स में वैज्ञानिक रूप से संरक्षित किया गया है. जेना ने कहा, ‘मृतकों के परिजनों की सहायता के लिए अस्पताल में एक हेल्पडेस्क भी स्थापित की गई है. पीके जेना ने यह भी कहा कि एम्स भुवनेश्वर ने शवों की उचित पहचान के लिए डीएनए नमूना प्रक्रिया शुरू की है.
ये भी पढ़ें- Odisha Train Accident: ओडिशा रेल हादसे में मौत के आंकड़ों में फिर आया बदलाव, 83 मृतकों की पहचान अब भी बाकी