Odisha Train Accident LIVE: स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने अस्पताल जाकर जाना घायलों का हाल
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने मामले की जांच की है और जांच रिपोर्ट आने दीजिए. लेकिन हमने घटना के कारणों और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली है…यह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ. अभी हमारा फोकस ट्रैफिक बहाली पर है. इस हादसे को आजादी के बाद के भारत के इतिहास की सबसे घातक रेल दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है. पिछली बार ऐसा भीषण हादसा 20 अगस्त, 1995 को हुआ था. जब पुरुषोत्तम एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई थी.
उस हादसे में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 305 थी. जबकि अनौपचारिक रिपोर्टों का दावा है कि लगभग 395 लोग मारे गए थे. भारत ने 6 जून, 1981 को बिहार में सबसे भीषण रेल दुर्घटना हुई थी. पुल पार करते समय ट्रेन बागमती नदी में गिर गई, जिसमें 750 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. कोरोमंडल एक्सप्रेस अब तक तीन बार- 2002, 2009 और 2023 में पटरी से उतर चुकी है. लेकिन पहली दो दुर्घटनाओं से भारतीय रेलवे ने कोई सबक नहीं सीखा. तीनों दुर्घटनाएं शुक्रवार को हुईं, तीनों ट्रेनें चेन्नई जा रहीं थीं और इनमें से दो हादसे ओडिशा में हुए. 2002 में हुए हादसे में कोई मौत नहीं हुई थी लेकिन 2019 के हादसे में 16 लोगों की मौत हुई थी. दोनों ही मामलों में सैकड़ों लोग घायल हुए.