Odisha Train Accident Probe Focusing On Manual Bypass Of Automatic Signalling System : Report – ओडिशा ट्रेन हादसा ऑटोमेटिक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम से छेड़छाड़ का परिणाम?



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रॉयटर की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ताओं का मानना ​​​​है कि एक एक्‍सप्रेस ट्रेन को उसी पटरी पर भेजा गया जिस पर पहले से ही मालगाड़ी खड़ी थी. तीन में से दो सूत्रों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयोग के जांचकर्ताओं को संदेह है कि नजदीक के रेल रोड क्रॉसिंग पर सड़क यातायात को रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाले खराब बैरियर से उत्पन्न सिग्‍नलिंग बाधाओं को दूर करने के लिए रेलवे कर्मचारियों ने बाईपास किया था. सूत्र अपनी पहचान नहीं बताना चाहते थे क्योंकि वे मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. 

ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर 2 जून को हुई दुर्घटना में कम से कम 288 लोग मारे गए. साथ ही इस भीषण दुर्घटना में 1,000 से अधिक घायल हो गए थे. दो दशकों में यह देश की सबसे भीषण रेल दुर्घटना थी. 

भारतीय और अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया ने पहले ही बताया है कि ऑटोमेटिक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम में संभावित खराबी के कारण दुर्घटना हो सकती है. 

भारतीय रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, “आवश्यकता के अनुसार मरम्मत का कार्य होता रहता है”, लेकिन ऑटोमेटिक सिस्‍टम के साथ छेड़छाड़ की अनुमति नहीं है. उन्होंने दुर्घटना के कारणों के बारे में विस्तार से बताने से इनकार करते हुए कहा, “जांच जारी है.”

रेल मंत्रालय के मुख्य सूचना अधिकारी अमिताभ शर्मा ने कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है. जांचकर्ताओं के संदेह के बारे में पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को मैन्युअल रूप से बाईपास किया जा सकता है. शर्मा ने कहा, “ये सभी अटकलें हैं जिनकी हम इस समय पुष्टि नहीं कर सकते हैं.”

बहानगा गांव के पांच लोगों ने कहा कि रेलवे क्रॉसिंग पर बैरियर तीन महीने से खराब पड़ा था और उसकी अक्सर मरम्मत की जाती थी. 

उन्‍होंने कहा कि खराबी होने पर बैरियर बंद स्थिति में अटक जाता था और रेल कर्मचारी उसे मैन्‍युअल रूप से खोलते थे.  

वहीं भारतीय रेलवे के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा कि अगर बैरियर खुला होता तो ऑटोमेटिक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम ट्रेन को रेल-रोड क्रॉसिंग से आगे नहीं जाने देता. दुर्घटना की जांच की संवेदनशीलता के चलते अधिकारी अपनी पहचान नहीं बताना चाहते. 

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