Odisha Train Accident Stacked With Corpses In A Truck How Crash Victim Survived – Odisha Train Accident: मृत समझकर लाशों के साथ ट्रक में लाद दिया था, पिता की जिद से बची बेटे की जान


Odisha Train Accident: मृत समझकर लाशों के साथ ट्रक में लाद दिया था, पिता की जिद से बची बेटे की जान

रेलवे बोर्ड ने इस हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है.

कोलकाता:

ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की भीषण टक्कर (Odisha Train Accident) में मौतों का आंकडा 300 के आसपास पहुंच गया है. वहीं, 900 से ज्यादा लोग घायल हैं. शुक्रवार शाम को हुए इस हादसे में कई लोग मौत के मुंह से निकलकर आए. किसी की सीट बदलने से जान बची, तो किसी ने सीट तक जाने में कुछ देर की, जिससे उनकी जान बच गई. एक शख्स तो मुर्दाघर ले जाने के लिए लाशों के बीच रख दिया गया था, लेकिन उसके पिता उसे ढूंढते हुए पहुंच गए. पिता की जिद ने बेटे की जान बचा ली.

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ओडिशा ट्रेन हादसे में हावड़ा के 24 वर्षीय बिस्वजीत मलिक घायल और बेहोश होकर पड़े थे. रेस्क्यू टीम ने मृत समझकर उन्हें लाशों के साथ ट्रक में डाल दिया था, ताकि उन्हें मुर्दाघर में रखा जा सके. बिस्वजीत मलिक के पिता हेलाराम मलिक ने कोलकाता में NDTV को बताया, ” लाशों के ढेर में घायल हाथ के बेहोश शरीर के कांपने पर मैंने उसे देखा. मैं अड़ गया कि बेटा जिंदा है.” इसके बाद उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल लाया गया. डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. अगले कुछ दिनों में उसकी कई सर्जरी होंगी. 

बिस्वजीत के पिता हेलाराम मलिक ने NDTV को बताया कि बालासोर के लिए उन्होंने एंबुलेंस में 230 किमी से अधिक की यात्रा की. दुर्घटना के बारे में जानने के बाद हेलाराम ने बिस्वजीत को उसके सेलफोन पर कॉल किया. हेलाराम ने एक स्थानीय एंबुलेंस चालक को बुलाया. और उसी रात अपने बहनोई के साथ निकल गए. लेकिन बालासोर में उन्हें विश्वजीत किसी अस्पताल में नहीं मिला.

उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने हमसे कहा कि हमें बहानागा हाई स्कूल में देखना चाहिए, जहां शव रखे थे. वह वहां पहुंचे. उन्होंने बताया कि हमें खुद शवों को देखने की अनुमति नहीं थी. कुछ देर बाद किसी ने पीड़ित का दाहिना हाथ कांपते देखा तो हंगामा मच गया. हमने देखा कि हाथ बेहोश बिस्वजीत का था. हमने उसे उठाया और एंबुलेंस से कोलकाता लेकर आए.

2 जून को हुआ था हादसा

यह हादसा 2 जून को शाम 7 बजकर 10 मिनट पर हुआ था. रेलवे अधिकारियों ने बताया था कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी. हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां डीरेल होकर मालगाड़ी से टकरा गई. एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं. तीसरे ट्रैक पर आ रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी.

ट्रैक की मरम्मत का काम पूरा

बालासोर में ट्रेन हादसे वाले ट्रैक की मरम्मत का काम पूरा हो गया है. हादसे के 51 घंटे बाद रविवार रात को इस ट्रैक से जब पहली ट्रेन रवाना की गई. रेलवे बोर्ड ने इस हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है.

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