On The Summons Of Delhi Police In The Investigation Of Doctored Video, Telangana Chief Minister Said, We Are Not Afraid Of Notices – छेड़छाड़ किए गए वीडियो की जांच में दिल्ली पुलिस के समन पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री बोले, हम नोटिसों से नहीं डरते


छेड़छाड़ किए गए वीडियो की जांच में दिल्ली पुलिस के समन पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री बोले, 'हम नोटिसों से नहीं डरते'

रेवंत रेड्डी ने कर्नाटक के लोगों को आगाह किया कि अगर उन्होंने भाजपा को वोट दिया, तो वे एससी, एसटी और अल्पसंख्यक आरक्षण खो देंगे.

बेंगलुरु/हैदराबाद:

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कथित छेड़छाड़ किए गए वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें और अन्य राज्य कांग्रेस नेताओं को दिए गए नोटिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने सोमवार को कहा कि वे ऐसे नोटिसों से नहीं डरते. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीबीआई, ईडी और आईटी का इस्तेमाल करने के बाद अब चुनाव जीतने के लिए दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कर्नाटक के सेदम में कांग्रेस की एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “हम डरने वालों में से नहीं हैं, हम ही हैं जो जवाब देते हैं.”

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ए. रेवंत रेड्डी ने कहा, “मोदी और अमित शाह अब तक चुनाव जीतने के लिए ईडी, आईटी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रहे थे. मुझे अभी जानकारी मिली है कि दिल्ली पुलिस तेलंगाना कांग्रेस पार्टी कार्यालय पहुंच गई है. किसी ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया और वे गांधी भवन तक पहुंच गए. तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को नोटिस भिजवाने का मतलब है कि ईडी, आईटी और सीबीआई का उपयोग करने के बाद मोदी चुनाव जीतने के लिए दिल्ली पुलिस का उपयोग कर रहे हैं.”

रेवंत रेड्डी ने कर्नाटक के लोगों को आगाह किया कि अगर उन्होंने भाजपा को वोट दिया, तो वे एससी, एसटी और अल्पसंख्यक आरक्षण खो देंगे. उन्होंने कहा, ”अगर आप कांग्रेस को वोट देंगे तो आरक्षण जारी रहेगा.” उन्होंने विश्‍वास जताया कि कांग्रेस केंद्र में सरकार बनाएगी.

दिल्ली पुलिस ने आरक्षण के बारे में अमित शाह के एक विकृत वीडियो पर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, तेलंगाना कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रभारी, राज्य समन्वयक और प्रवक्ता को तलब किया. दिल्ली पुलिस की एक टीम राज्य कांग्रेस मुख्यालय गांधी भवन पहुंची और पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी मन्ने सतीश, राज्य समन्वयक नवीन पेटेम और प्रवक्ता असमा तस्लीम को नोटिस दिया.

कथित तौर पर आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 91/160 के तहत नोटिस दिया गया है और नेताओं को 28 अप्रैल को दर्ज मामले की जांच के लिए 1 मई को दिल्ली पुलिस के विशेष सेल के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. उन्हें जानकारी प्रदान करने के लिए कहा गया है उनके ‘एक्स’ हैंडल पर उनके द्वारा ट्वीट/री-ट्वीट किए गए वीडियो के बारे में उनसे अपने मोबाइल/लैपटॉप/टैबलेट या वीडियो बनाने/अपलोड/ट्वीट करने के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के साथ-साथ वीडियो अपलोड करने और ट्वीट करने से पहले वीडियो रिकॉर्ड करने के उद्देश्य से उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाने के लिए भी कहा गया था.

दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 153, 153ए, 465, 469, 171जी के साथ 66-सी आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. 25 अप्रैल को मेडक जिले के सिद्दीपेट में भाजपा की चुनावी रैली में अमित शाह द्वारा दिए गए भाषण के वीडियो को कथित तौर पर छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया था. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा था कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो वह मुस्लिम आरक्षण को खत्म कर देगी और इसे एससी, एसटी और ओबीसी के बीच वितरित कर देगी. वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई, ताकि यह आभास दिया जा सके कि एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण हटा दिया जाएगा.



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