Ongoing Tussle Between Congress Government In Karnataka And Centre Over Anna Bhagya Scheme – कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की एक गारंटी में अड़ंगा! केंद्र के साथ चावल को लेकर छिड़ा विवाद
दरअसल, कांग्रेस ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को चावल की मात्रा पांच किलो से बढ़ाकर 10 किलो प्रति व्यक्ति करने का वादा किया है. हालांकि, राज्य अब तक बीपीएल परिवारों के प्रत्येक सदस्य को केवल पांच किलो चावल ही उपलब्ध करा पाया है, जिसकी आपूर्ति केंद्र द्वारा की जा रही है. केंद्र ने कहा कि वह अतिरिक्त पांच किलो प्रदान नहीं कर सकता है. हालांकि, कर्नाटक सरकार ने कहा कि वह इसे भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय भंडारण निगम और नेफेड जैसे केंद्रीय संस्थानों से खरीदने के लिए तैयार है.
सिद्धारमैया कैबिनेट का पहला निर्णय चावल योजना सहित कल्याणकारी कदमों को लागू करना था. राज्य ने अनुमान लगाया कि बीपीएल परिवारों को केंद्रीय अनुदान के अलावा अतिरिक्त 5 किलो चावल देने के लिए एक महीने में 2.28 लाख मीट्रिक टन चावल की जरूरत है.
कर्नाटक ने FCI को 9 जून को लिखी थी चिट्ठी
कैबिनेट द्वारा घोषणा किए जाने के तुरंत बाद राज्य सरकार ने 9 जून को एक पत्र लिखकर भारतीय खाद्य निगम से खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS-D) के माध्यम से चावल खरीदने की मांग की. इसके बाद 12 जून को लिखी एक चिट्ठी में कर्नाटक सरकार ने कहा कि एफसीआई ने 3,400 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य पर चावल की बिक्री को मंजूरी दी है.
केंद्र ने जारी किया था आदेश
केंद्र ने हाल में खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी है. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार, ‘‘राज्य सरकारों के लिए ओएमएसएस (घरेलू) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी गई है.’
FCI ने जारी किया आदेश
भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, राज्य सरकारों के लिए OMSS (घरेलू) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी जाती है. लेकिन OMSS के तहत चावल की बिक्री पूर्वोत्तर राज्यों, पहाड़ी राज्यों और कानून और व्यवस्था की स्थिति का सामना कर रहे राज्यों, प्राकृतिक आपदाओं के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल की मौजूदा दर पर जारी रहेगी.
5 गारंटियों को लागू करना प्रतिष्ठा का मुद्दा
कर्नाटक में सरकार बनने के बाद चावल और गारंटी योजनाओं को लागू करना कांग्रेस सरकार और व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए एक प्रतिष्ठा का मुद्दा है. योजना के रोलआउट में किसी भी चूक का एक बड़ा राजनीतिक नतीजा हो सकता है. जमीनी स्तर पर बीजेपी पहले ही आक्रामक हो चुकी है और राज्य सरकार पर केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 5 किलो चावल को अपनी योजना में शामिल करने का आरोप लगा चुकी है.
ये हैं कांग्रेस की 5 गारंटी स्कीम
बता दें कि कर्नाटक में सिद्धारमैया की सरकार बनने के बाद कांग्रेस अपने वादे पूरे करने में लगी है. 11 जून के लिए महिलाओं के लिए फ्री बस सर्विस ‘शक्ति योजना’ की शुरुआत की गई. स्कीम लॉन्च के दौरान विधायक रूपकला ने महिलाओं को बिठाकर खुद बस चलाई. फ्री बस सर्विस के अलावा उन्होंने गृह ज्योति योजना के तहत हर महीने 200 यूनिट फ्री बिजली, युवा निधि स्कीम के तहत बेरोजगार ग्रेजुएट्स को हर महीने 3000 रुपए, अन्न भाग्य योजना के अंतर्गत BPL परिवार को 10 किलो मुफ्त चावल देने का वादा किया था.
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