Only this many atomic bombs are enough to wipe out humans from the earth the world is sitting on a pile of gunpowder
दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति और सबसे बड़ी खतरे की वजह बन चुका है. आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहां परमाणु हथियारों का खतरा हमेशा मंडराता रहता है. अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या धरती पर मौजूद परमाणु हथियार पूरी दुनिया को पूरी तरह से खत्म करने में सक्षम हैं? और सवाल ये भी उठता है कि पूरी दुनिया को खत्म करने के लिए कितने परमाणु हथियारों की जरुरत होगी? चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं.
कितने परमाणु बम में दुनिया हो सकती है खत्म?
परमाणु हथियार इतने शक्तिशाली होते हैं कि एक ही बम हिरोशिमा और नागासाकी जैसे शहरों को पूरी तरह से तबाह कर सकता है. आज के समय में परमाणु हथियार पहले से कहीं ज्यादा शक्तिशाली हो गए हैं. इन हथियारों से निकलने वाली विनाशकारी ऊर्जा इतनी ज्यादा होती है कि यह पूरे शहरों को ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्रों को भी तबाह कर सकती है.
दुनिया के प्रमुख देशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, और उत्तर कोरिया के पास हजारों परमाणु हथियार हैं. इन देशों ने न केवल अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु बमों का भंडार बढ़ाया है, बल्कि युद्ध की संभावनाओं को लेकर भी इनका इस्तेमाल किया है. हालांकि परमाणु अप्रसार संधि (NPT) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के बावजूद, परमाणु हथियारों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. वैज्ञानिकों के अनुसार, आज दुनिया के पास इतनी शक्ति है कि यदि ये हथियार इस्तेमाल किए जाते हैं, तो सिर्फ 100 परमाणु बम ही पूरी दुनिया में इंसानों को खत्म करने के लिए काफी होंगे. हालांकि, प्रमुख देशों के पास परमाणु हथियारों की संख्या 5,000 से अधिक है, जो धरती को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए काफी है.
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100 परमाणु बम एकसाथ चलाए जाएं तो क्या होगा?
जब कोई परमाणु बम गिरता है, तो वह नाइट्रोजन और ऑक्सीजन के साथ मिलकर रेडियेशन, गर्म तापमान और धुएं का एक घना बादल बना देता है. इसके प्रभाव में आते ही हजारों लोग तत्काल मर सकते हैं. इसके बाद जो लोग बच जाते हैं, वो भी लंबे समय तक रेडियेशन के प्रभाव में रहते हैं, जो कैंसर, डीएनए म्यूटेशन और अन्य खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है.
जब 100 परमाणु बमों का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसका प्रभाव केवल उस क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहता. वैज्ञानिकों के अनुसार, परमाणु विस्फोट से उत्पन्न होने वाली ग्लोबल कूलिंग और न्यूक्लियर सर्दी के कारण धरती का तापमान तेजी से गिर सकता है. इस स्थिति में सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती और पूरी दुनिया में अकाल और खाद्य संकट उत्पन्न हो सकता है. अगर इतना बुरा दौर आता है, तो धरती पर जीवन की संभावनाएं बेहद कम हो सकती हैं.
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क्या है न्यूक्लियर सर्दी?
न्यूक्लियर सर्दी (Atomic Winter) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें परमाणु युद्ध के बाद पृथ्वी के वातावरण में बड़ी मात्रा में धुआं और राख फैल जाती है. यह धुंआ वातावरण में इतना घना हो जाता है कि सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती. इससे ग्लोबल तापमान में भारी गिरावट आती है और अत्यधिक ठंड और अकाल का सामना करना पड़ता ह.. इसका परिणाम यह हो सकता है कि कई सालों तक कृषि कार्य संभव नहीं हो पाता और खाद्य संकट पैदा हो जाता है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि परमाणु युद्ध हुआ, तो सिर्फ 100 परमाणु बम ही न्यूक्लियर सर्दी का कारण बन सकते हैं, जिससे लाखों लोगों की मौत हो सकती है. और यदि परमाणु बमों की संख्या बढ़ी, तो यह स्थिति और भी भयावह हो सकती है.
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