Opposition Meeting Bengaluru: बीजेपी के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए बेंगलुरु में जुटे ये विपक्षी दल, ‘हम एक हैं’ का दिया संदेश
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कई अन्य नेता इस बैठक में शामिल हो रहे हैं.
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, खड़गे, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी और कुछ अन्य नेता सोमवार को बेंगलुरु पहुंच गए हैं. वहीं शरद पवार के बैठक में शामिल होने से जुड़ी अटकलों को खारिज करते हुए खड़गे ने दिल्ली में कहा कि उनकी पवार से बात हुई है और वह मंगलवार को बैठक में शामिल होंगे.
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता भारत के राजनीतिक परिदृश्य के लिए परिवर्तनकारी साबित होगी तथा जो लोग अकेले दम पर विपक्षी पार्टियों को हरा देने का दंभ भरते थे, वे इन दिनों ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के भूत’ में नयी जान फूंकने की कोशिश में लगे हुए हैं.
विपक्षी दलों की बैठक के दूसरे दिन की चर्चा 18 जुलाई को रही है और उसी दिन दिल्ली के एक पांचसितारा होटल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक हो रही है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि एनडीए की बैठक में 38 दल शामिल हो रहे हैं.
विपक्षी दलों की बैठक से पहले सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि वाम दल एवं कांग्रेस के साथ मिलकर धर्मनिरपेक्ष पार्टियां राज्य में भाजपा और टीएमसी दोनों का मुकाबला करेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि पूरा प्रयास होगा कि भाजपा के खिलाफ मतों का बंटवारा कम से कम हो.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘पहले एनडीए की कोई बात ही नहीं होती थी और कुछ दिनों से हम अचानक इसके बारे में पढ़ और सुन रहे हैं. खबरें है कि कल एनडीए की एक बैठक बुलाई गई है, तो जो एनडीए भूत बन गया था अब उसमें नयी जान फूंकने की कोशिश की जा रही है.’
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 26 विपक्षी दल एकजुट होकर आगे बढ़ने, लोगों की समस्याओं का समाधान देने तथा ‘तानाशाही सरकार के क्रियाकलापों’ से उपजी चिंताओं से निपटने के लिए यहां हैं. सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगे.